संतो की शरण में ही दुख मिटता है,साध्वी हर्षाली बहन

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जबलपुर /सिहोरा :संत न होते जगत में तो जल मरता संसार ध्रुव को देवर्षि नारद जी गुरु के रूप में मिल गए तो ध्रुव ने 6 महीने में ही भगवान को प्रकट कर लिया,इस संसार मे शिष्य के लिए सदगुरु से बड़ा हितेषी कोई नहीँ है,शिष्यों के सभी संताप हरकर शिष्य को ब्रम्ह बनाते हैं सदगुरु आज बापू भले ही जेल में है लेकिन बापू के शिष्यों की श्रद्धा में लेश मात्र भी फर्क नहीँ पड़ा है। संत श्री आशाराम बापू की कृपापात्र शिष्या साध्वी हर्षाली बहन ने खितौला के लखराम मोहल्ला में स्तिथ संत श्री आशाराम आश्रम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव के दौरान हर्षाली वहन के  मुखारविंद से सत्संग में कही गई।

साधको की नहीं डिगी श्रद्धा 

उन्होंने आंगे कहा की बापू को षड्यंत्र करके जेल में डाल दिया गया है लेकिन आज भी बापू के करोड़ो साधकों की श्रद्धा में लेश मात्र भी फर्क नहीं पड़ा है,क्योंकि सब अच्छी तरह जानते हैं की उनके बापू कैसे है, सरकारें विकास की बातें बस करती है लेकिन आज देश मे वृद्धआश्रमो की संख्या बढ़ी है जबकि बापू ने मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने की प्रेरणा देकर माता पिता का महत्व बताया जिससे बच्चे अपने मॉ बाप में ही भगवान देखें और उनको बृद्ध आश्रम न भेजकर घर मे उनकी सेवा करें । साथ ही महिला आश्रम खोलकर बहनों के उत्थान के लिए रास्ता खोला सनातन धर्म के लिए बापू ने दिनरात एक कर दिया ,जो हिन्दू ईसाई बन गए थे उनकी घर वापसी करवाई ।


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