संत श्री आशारामजी बापू से सम्बंधित जनहित याचिका जोधपुर उच्चन्यायालय ने पेंडिंग की
भगवान दीन साहू छिंदवाड़ा :सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू ने अक्टूबर 2023 को एक जनहित याचिका राजस्थान उच्चन्यायालय जोधपुर में दर्ज कराई थी । जिसका प्रकरण क्रमांक CW / 13159 / 2023 है । जिसमें सचिव प्रधानमंत्री , सचिव राष्ट्रपति , मुख्य सचिव राजस्थान और जोधपुर पुलिस आयुक्त ( पश्चिम ) को प्रतिवादी बनाया गया है ।
क्या है याचिका में ?
प्रस्तुत याचिका में उल्लेख है कि निर्दोष संत श्री आशारामजी बापू की रिहाई हेतु देशभर के करोड़ों करोड़ों साधकों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को प्रार्थना पत्र प्रेषित किये हैं जो आवश्यक कार्यवाही हेतु राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव के पास आये , मुख्य सचिव ने इन प्रार्थना पत्रों को जोधपुर पुलिस आयुक्त ( पश्चिम ) को अग्रेषित किये । इस सम्बंध ने श्री साहू ने 13-01-2022 को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जोधपुर पुलिस आयुक्त से जानकारी चाही । जानकारी नहीं मिलने पर विधिवत प्रथम एवं द्वितीय अपील की । द्वितीय अपील का निराकरण दिनांक 29 / 5/ 2023 को राजस्थान सूचना आयोग जयपुर में हुआ जहां जोधपुर पुलिस उपायुक्त ने कबूल किया कि राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय से सन्त आशारामजी की रिहाई के लिए अनुमानित 47 लाख परिवाद आये हैं जो गिनती करना मुश्किल है वैसे भी राज्य सरकार ने अपराध शाखा को RTI एक्ट से मुक्त रखा है । जानकारी देना बंधनकारी नहीं है । इन सब तत्थों के आधार पर जनहित याचिका दायर की गई है ।
ये कैसा भेदभाव ?
47 लाख बार महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिव राजस्थान को आदेशित किया पर आज तक ना राज्य सरकार ने कुछ किया ना ही न्याय व्यवस्था ने किसी प्रकार की राहत दी । उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आलावा देशद्रोह का भी आरोप है जिसका अमेरिका खुफिया एजेंसी CIA के एजेंट होने की भी खबर है । उनके प्रकरण की सुनवाई 145 दिनों में अलग – अलग न्यायालयों में 55 बार हुई और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान की ।आतंक वादियों के लिए रात में कोर्ट खुल जाता है ,ऊची पहुच वाले अपराधीयो को बच्चे पैदा करने के लिए , विवाह में जाने के लिए पेरोल देता है ।
जानबूझकर कोई सुनवाई नही
वहीं पिछले 12 वर्षों से जोधपुर जेल में बंद निर्दोष सन्त की जानबूझकर कोई सुनवाई नही होती ।यह सनातन संस्कृति के रक्षक सन्तों के साथ दुराग्रह है ।लोग दबी जुबान से कहते हैं कि देश की न्याय व्यवस्था अमेरिका के हाथ में या षड्यंत्र कारियों के हाथ में है । जिस देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आदेशों की 47 लाख बार अवेहलना होती है उस देश के नागरिक कहा तक सुरक्षित है यह विचारणीय विषय है।
इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें।
Click Here >>
Donate Now
इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।
इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।
Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।