मझोली के इन केंद्रों में धान में धांधली जारी,यहां बिना मैपिंग डंप करवा कर तौल ली गई हज़ारों किवंटल धान ,देखें वीडियो

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जबलपुर :मझौली तहसील के धनगवा माँ विद्या वेयरहाउस और दिनारी खम्हरिया के msk वेयरहाउस के बाद धान में धांधली का ताजा मामला मझोली समीप खबरा के निशिका वेयरहाउस का प्रकाश में आया है, जहां पर किसान रोहित भट्ट ने आरोप लगाते हुए बताया की वह अपनी धान लेकर 10 दिन से केंद्र में पड़ा हुआ लेकिन कमीशन के चक्कर मे उसकी धान नहीं तौली जा रही है, जबकि उसकी धान से भी कम गुडवत्ता वाली धान के अधिकांश ढेर तौल कर उनकी सिलाई भी कर दी गई,किसान रोहित का कहना है की उससे 6 किलो धान कमीशन के रूप में मांगी जा रही है और धान में धांधली का यह पूरा खेल वेयरहाउस मालिक मूलचंद राय औऱ खरीदी प्रभारी द्वारा किया जा रहा है ,और जिम्मेदार अधिकारी शिकायत करने के बाद भी यहाँ झांकने तक नहीँ आते अब ऐसे में हमारे जैसे गरीब किसानों को न्याय कैसे मिलेगा

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*अधिकारियों के संरक्षण में धान में धांधली जारी

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यहां बिना मैपिंग डंप करवा कर तौल ली हज़ारों किवंटल धान 

उपार्जन पोर्टल पर जिस वेयरहाउस का नाम तक शो नहीं हो रहा उसे केंद्र में न केवल हजारों क्विंटल धान डम्प हो गई बल्कि बाकायदा बरदानों में तोलकर ठिकाने लगाने की कवायत भी पूरी कर ली गई। जानकारों का कहना है कि यदि शीघ्र मैपिंग नहीं हुई तो किसानों का करोड़ों रुपया फंस सकता है। इतनी अधिक तादाद में डंप धान पर प्रशासन की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है। मामला मझौली तहसील के मुरेठ समीप बटरंगी स्तिथ योगमाया वेयरहाउस,ॐ साई राम एग्रो वेयरहाउस चोपरा मझोली,सिद्धार्थ वेयर हाउस बघेली, मां रेवा वेयरहाउस मझौली् ,माँ विद्या एग्रो वेयरहाउस हरदुआ बंधा अभिराज वेयरहाउस सुंनगवा सहित अन्य वेयरहाउसों में किसानों से लाखों किवंटल धान यह कहते हुए की यहां पर खरीदी केंद्र बन गया है धर्मकांटा से तौल करवाकर डंप करवा ली गई,जबकि इनमें से किसी भी वेयरहाउस की न तो मैपिंग हुई हैं न ही यहां पर सर्वेयर उपलब्ध है न ही खरीदी का कोई बोर्ड ही उपलब्ध है, ऐसे में यदि कल के दिन इन वेयरहाउसों को सरकारी खरीद के लिए मैपिंग नहीँ होती तो जिन किसानों को कुछ लोगों द्वार गलत जानकारी देकर धान डंप करवाई गई है उन किसानों का क्या होगा ?

मझोली में अनाधिकृत धान खरीदी जारी कुंभकर्णी नींद सो रहे जिम्मेदार 

मझोली तहसील में एक ऐसा धान खरीदी केंद्र मिला है, जिसकी अनुमति ही नहीं दी गई थी। यही नहीं इस केंद्र पर किसानों से हजारो क्विंटल धान भी खरीद ली गई। लेकिन किसानों को अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई। हैरानी की बात यह है कि केंद्र में उपस्थित लोगों का कहना है कि किसान अपनी मर्जी से धान लाकर डंप कर रहा है। संभवतः एक-दो दिन में मैपिंग हो जाएगी तो किसानों को उनकी तोल के अनुरूप पर्ची प्रदान कर दी जाएगी कम्प्यूटर पर्ची की बजाय कागज पर लिख रहे थे तौल इस केन्द्र पर किसानों की डम्प धान वेयर हाउस प्रांगण के अंदर रखी जा रही है। एक भी किसान को पर्ची जारी नहीं की जा रही थी। इसके बदले में एक सादे कागज पर तौली गई धान की मात्रा लिखी जा रही है।खरीदी के लिए कहां से आया बारदाना, जांच इस खरीदी केंद्र पर धान खरीदी के बाद उसे बारदाना में भर कर प्रांगण में रखवाया जा रहा है। सवाल ये है कि इतनी बड़ी मात्रा में बारदाना कहां से प्राप्त हुआ। और इतने दिनों से चल रहे इस अनाधिकृत केंद्र पर अब तक प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी। सूत्रों की माने तो धान खरीदी में बड़े खेल की आशंका व्यक्त की जा रही है इस प्रकार के अनाधिकृत केदो में व्यापारी बिचौलियों एवं अमानक धान क्रय कर बाद में मैपिंग कर अथवा अन्य केदो में फीडिंग कर शासन को क्षति पहुंचाई जा सकती है।वही खरीदी केदो से जुड़े लोगों का कहना है कि अधिकृत केदो में लगे धान के अंबार के कारण किसान अपनी धान केंद्र तक नहीं ले जा पा रहे खेतों में किसने की धान के ढेर लगे होने से किसानों को मौसम की बेरुखी के साथ-साथ अगली फसल में हो रहे विलंब की चिंता सता रही है जिसके चलते किसान अपनी धान बेयर हाउस प्रांगण में डंप कर रहे हैं। यहां तक तो ठीक है लेकिन धान को तोल कर बरदानों में व्यवस्थित करना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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