धान की सुरक्षा करना समितियों के लिए बनी चुनौती,गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्रों की भराव क्षमता पूर्ण
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – उपार्जन केंद्रों में धान की आवक बढ़ने के साथ ही समितियों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। क्योंकि, धान खरीदी के अनुरूप उठाव काफी धीमा है। बफर लिमिट वाले केंद्रों की स्थिति और भी खराब है। धान रखने के लिए जगह कम पड़ रही है।बहोरीबंद विकासखंड मे 26 उपार्जन केंद्र बनाये गए है,जिसमें अभी तक 64 हजार मिट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। 7 हजार से अधिक किसान अपनी उपज बेच चुके हैं। उठाव सिर्फ 38 हजार 750 मिट्रिक टन ही हो पाया है। कई केंद्रों में धान जाम होने पर खरीदी भी नहीं हो पा रही है।दरअसल, खरीदी प्रारंभ होने के बाद भी धान का उठाव काफी धीमी गति से हो रहा था । इससे भी समितियों की परेशानी बढ़ गईं है,समितियों को धान की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। इधर, मौसम में बदलाव हो रहा है!
धीरे -धीरे बढ़ रही धान की आवक –
समर्थन मूल्य पर 2 दिसंबर से खरीदी कार्य शुरू हुआ, जो 20 जनवरी तक चलेगा!खरीदी प्रक्रिया के अब 25 दिन ही शेष है!ऐसे मे अब खरीदी के आखिरी दिनों मे धान की आवक भी बढ़ रही है!परिवहन की लेटलतीफी के कारण केंद्रों मे उपज का अंबार लगा हुआ है!ऐसे मे बेमौसम बारिश हुई तो धान की सुरक्षा करना समितियों के लिए चुनौती बन जाएगी। वैसे भी मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक बारिश होने की संभावना जताई है।बहोरीबंद विकासखंड के खरीदी केंद्र मसंधा, बाकल, इमालिया, चाँदनखेड़ा, खमतरा, कूड़ा सहित अन्य केंद्रों मे परिवहन की सुस्त चाल है!खरीदी केंद्र मसंधा मे 2348 मिट्रिक टन खरीदी मे 339 मिट्रिक टन का ही परिवहन हुआ!
इसी प्रकार बाकल मे 2084 मिट्रिक टन मे 642 मिट्रिक टन, इमालिया मे 2052 मिट्रिक टन मे 552 मिट्रिक टन, चाँदनखेड़ा मे 1986 मिट्रिक टन मे 477 मिट्रिक टन, खमतरा मे 1969 मिट्रिक टन मे 232 मिट्रिक टन व कूड़ा खरीदी केंद्र मे 1839 मिट्रिक टन मे 439 मिट्रिक टन का ही परिवहन हुआ है!
स्लीमनाबाद केंद्र मे लगा अंबार –
उपार्जन केंद्र स्लीमनाबाद मे भी वेयरहॉउस की जो क्षमता थी वह पूर्ण हो गईं!जिसके बाद 6-7 हजार क्विंटल उपज का स्टॉक बाहर रखा हुआ है !परिवहन न होने से जगह का अभाव हो रहा है!जिससे आगामी दिनों मे तौल कार्य बंद हो सकता है!स्लीमनाबाद उपार्जन केंद्र मे 400 से अधिक किसानो से 3788 मिट्रिक टन उपज की तौल हो चुकी है!
इनका कहना है -देवेंद्र तिवारी डीएमओ नान
शासन स्तर से परिवहन को लेकर आदेश ही लेट आये, जिस कारण परिवहन की प्रक्रिया धीमी गति से चली!
गोदाम स्तरीय जिन उपार्जन केंद्रों की क्षमता पूर्ण हो चुकी है उन्हें समिति स्तरीय मे परिवर्तित कर उपज का परिवहन कराया जा रहा है!
आदेश आने के बाद परिवहन की प्रक्रिया मे गति लाई गईं है!
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