स्वावलंबन होनी चाहिए हमारी जीवन शैली-मुनि सुधासागर जी महाराज

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बहोरीबंद -हमें अपने जीवन को अनुभव का विषय बनाना चाहिए! सब कुछ समझते हुए ना समझी में जिए अच्छी बात नहीं है! आंखें होते हुए अंधेपन में जिए यह ठीक नहीं है! हम ज्ञानी होकर अज्ञानता का काम कर रहे हैं!जिस तरह अंधा  लालटेन लेकर चल रहा है ताकि सामने कोई आंख वाला अंधा उन्मुख्त टकरा न जावे हमारे जीवन शैली भी ऐसी ही हो गई है! हित अहित का विचार किए बगैर हमारी भारतीय जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली रही है! विदेशी आकर्षण में अपना स्वाभिमान भूलकर बाजार की गुलामी में जकड़ गए हैं!कुछ होश नहीं रहा हमारी शैली दूसरों को सहारा देने की रही है, लाइन छोड़कर चलनी की नही!उक्त उदगार मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने चमत्कारोदय तीर्थ क्षेत्र बहोरीबंद में आयोजित धर्म सभा में कहे!मुनि श्री ने कहा कि महाबली हनुमान और दुर्योधन के पात्रों के माध्यम से अपने ईस्ट के प्रति हनुमान के चरित्र को समर्पण भगवान राम के जीवन में आने वाले समस्त कार्यों को जीवन दाव पर लगाकर किया वही दुर्योधन ने अपने स्वार्थ के वशीभूत अपने अग्रज और समस्त इस्टो का दुरुपयोग करते हुए कलवित हो गए! परमात्मा ने हमें बहुत दिया है, अतःअंतरात्मा और परमात्मा के कार्या मे हमारी आवश्यकता है! हमें भी अपना समर्पण करना चाहिए हमारा वैभव परमात्म के कार्यो में प्रसाद बना जावेगा!
कार्यक्रम के प्रथम चरण में बालब्रह्मचारी प्रदीप भैया के निर्देशन मे मंदिर मे  पूजन विधान अभिषेक एवं सामूहिक शांति धारा का आयोजन बड़ी संख्या में उपस्थित धर्म प्रेमी जनों की उपस्थिति में संपन्न किया गया!इस दौरान उत्तम चंद जैन, कोयला अशोक पाटनी,सुशीला पाटनी, राकेश जैन, राजकुमार सिंघई,अनिल जैन, प्रमोद जैन, अनुराग जैन, प्रेमचंद प्रेमी, संजय जैन, विनय जैन, मनोज जैन, के एल जैन, सुरेन्द्र सिंघई, मनोज मोदी,गोपीचंद जैन, दिनेश जैन, रमेश जैन, प्रशांत जैन,नीरज  जैन, संतोश जैन,भोलू जैन,विजय जैन, डा महेन्द्र जैन,सुरेन्द्र सिंघई, पुष्पेन्द्र मोदी आदि की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही!


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