कितना भी सूखा पड़ जाए लेकिन बहती रहती है भैसाखड़ धाम मैं पानी की अविरल धारा
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद ;समीपस्थ ग्राम पंचायत बड़खेड़ा जो कि रीठी विकासखण्ड अंतर्गत है।यहां का प्रसिद्ध भैसाखड़ धाम अपने अनूठे रहस्यों को लेकर जाना जाता है।
यहां का भैसाखड़ धाम वर्षा काल मे पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों को लुभा रहा है।प्रतिदिन बड़ी संख्या मे दूरदराज से लोग पर्यटक रमणीय स्थल पहुँचकर वाटर फॉल का आनंद ले रहे है।पहाड़ से कल कल निकलती जल की धारा मैं खड़े होकर प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति कर रहे है।चट्टानों से पानी की निकल रही बूंदे जो झरने को आकर्षित करती है।इस मनमोहक दृश्य को देखने लोग बड़ी संख्या मे पहुँच रहे है।
कहा से आता पानी यह रहस्य है अनूठा
ग्राम बड़खेड़ा की सरपंच अंजू लोधी,आशीष लोधी सहित ग्रामीण बताते है कि भैसाखड़ धाम पहाड़ पर स्थित है।
यहां भगवान शिव जी विराजमान है।पहाड़ पर एक चट्टान गुफा है वहाँ से जल धारा प्रवाहित होती है।जो कल कल,छल-छल करती हुई भूमि पर गिरती है ।उक्त चट्टान से बारहमासी जल की अविरल धारा प्रवाहित होती रहती है।एक बड़ी विशेषता जो है वह यह है कि सूखा भी पड़ जाए फिर जल की अविरल का प्रवाह उक्त चट्टान से होता रहता है।यह रहस्य आज भी रहस्यमय बना हुआ है ।साथ ही भैसाखड़ धाम मैं प्रवाहित जल की भी बहुत बड़ी विशेषता है जो कि अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों ये युक्त जिससे अनेक प्रकार के रोग कष्ट भी दूर होते है।उक्त स्थल आस्था का केंद्र बना हुआ है।जहां बडी संख्या मे आसपास के गाँवो का सैलाब रमणीय स्थल पहुँचता है।बताया जा रहा है कि भैसाखड़ धाम मैं एक गुफा है ।साथ ही प्राचीन समय की कुटी बनी हुई है। झरना भी वाटरफॉल है।