संतान की दीर्घायु व मंगल कामना के लिए माताएँ रखेंगी हलषष्ठी व्रत

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का हिंदुओं के लिए बड़ा महत्व है। इस दिन बलराम जयंती मनाई जाती है।इस दिन माताएँ संतान की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। यह व्रत पुत्रवती स्त्रियां रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार जो महिलाएं सच्चे मन से ये व्रत रखती हैं तो उसकी संतान दीर्घायु होती है, उसे तरक्की मिलती है।

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दूर होते हैं पुत्र के सारे कष्ट 

धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। पुत्र के सारे कष्ट दूर हो जाते है!
पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि 25 अगस्त को हलषष्ठी व्रत है!यह निराहार व्रत रखा जाता है, इस दिन हले से बोई अन्न या सब्जी बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। भैस के दूध का सेवन किया जाता है। इस व्रत के दिन महिलाएं भैंस के दूध से बने दही और महुआ को पलाश के पत्ते पर खाती हैं।
हलषष्ठी व्रत के लिए जो पूजा सामग्री लगती है उसमें भैंस का दूध, घी, दही और गोबर,महुए का फल, फूल और पत्ते,ज्वार की धानी,मिट्टी के छोटे कुल्हड़,भुना हुआ चना, घी में भुना हुआ महुआ लाल चंदन, मिट्टी का दीपक, सात प्रकार के अनाज लगते है!

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बाजार मे चहल -पहल हो रही खरीददारी –

हलषष्ठी व्रत को लेकर उपयोग मे होने वाले सामग्री की खरीददारी के लिए बाजार मे चहल -पहल देखने को मिल रही है!

वंश वृद्धि के लिए

बांस से बने चुनका, चुनकी सहित अन्य जरूरी पूजा सामग्री की खरीददारी की जा रही है!गुरुवार को ग्राम पंचायत कोड़िया मे साप्ताहिक बाजार थी!जहाँ लोगो ने बाजार मे खरीददारी की!साथ ही बेटी के मायके से हलषष्ठी व्रत के लिए सभी चीजें भेजना का क्रम शुरू हो गया है!

 

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