समूचे विश्व मै महर्षि ने ज्ञान ओर भावातीत ध्यान की जगाई अलख

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : तहसील मुख्यालय स्थित महर्षि विद्या मंदिर मे महर्षि महेश योगी का 108 वां जन्मदिवस ज्ञानयुग दिवस के रूप मे मनाया गया।वेदपाठी ब्राम्हणों ने वैदिक परंपरागत गुरुपूजन कराया। रुद्राष्टाध्यायी के आठ अध्यायों का सुस्वर पाठ किया।इस अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर की प्राचार्या प्रीति मिश्रा ने महर्षि के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ!महर्षि ने समूचे विश्व में ज्ञान की पताका और भावातीत ध्यान की अलख जगाई है।विश्व शांति स्थापना में अध्यात्म का विशेष महत्व है।जिसका ज्ञान जाग्रत होता है उसे ऋषि कहते है, जिसका दिव्य चक्षु जाग्रत होता है उसे महर्षि कहते है एवं जिसका परम चक्षु भी जाग्रत हो जाता है उसे ब्रह्मर्षि कहते है!व्यक्ति के जीवन  की सामथ्र्य असीम है, प्रत्येक व्यक्ति की बुद्धिमत्ता का क्षेत्र असीम है प्रत्येक व्यक्ति को सब कुछ जानने सब कुछ सहजरूपेण सही करने एवं प्राकृतिक विधान के सहयोग द्वारा सब कुछ प्राप्त करने में समर्थ होना चाहिए!इस दौरान बीआरसी प्रशांत मिश्रा, जनशिक्षक डॉ दिलीप त्रिपाठी,के पी मिश्रा, अखिलेश पांडेय, सुनील कुमार मिश्रा, गोविंद प्रताप सिंह, दीपक मिश्रा, राहुल मिश्रा, सुरेंद्र त्रिपाठी, सुश्री निकिता गुप्ता, ज्योति चौबे, मानसी जैन, श्रद्धा जैन, अंकिता दुबे, आस्था सोनी, प्रियंका तिवारी, संजना यादव, आयुष अग्रहरी
सहित वेदपाठी ब्राह्मणों और आचार्यों के साथ पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।


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