संस्कृति और सभ्यता को जिंदा रखने मातृभाषा में बात करना जरूरी,इसी से होगा राष्ट्र उत्थान
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मैं शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित हुई।
जहां महाविद्यालय प्राचार्या डॉ सरिता पांडेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के बदलाव से जहां शिक्षा, सिलेबस और पद्धति में बदलाव आया है, वहीं मातृभाषा को बढ़ावा मिला है। असर यह है कि सिलेबस में क्षेत्रीय भाषाओं को भी जगह मिल रही है। मेडिकल की पढ़ाई करने स्टूडेंट्स भी अब मातृभाषा यानी हिंदी में ही पढ़ाई कर रहे हैं।भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाने और बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।प्राचार्या ने कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को जिंदा रखने के लिए मातृभाषा में बात करना जरूरी है। जैसे ही मातृभाषा हमसे दूर होती है, वैसे ही हमारी संस्कृति और सभ्यता का पतन होना शुरू हो जाता है।
विश्व मातृभाषा दिवस हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। इसे 17 नवंबर 1999 को यूनेस्को ने स्वीकृति दी थी। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना या जीवित रखना था। मातृभाषा ही हम सभी की असली पहचान है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में करीब 6900 भाषाएं बोली जाती हैं।
वही राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ रंजना वर्मा ने कहा कि समय के साथ-साथ अब हिंदी का वर्चस्व काफी बढ़ा है। हिंदी का प्रयोग तो पहले से होता ही है, इसके साथ-साथ हमारे यहां अच्छी हिंदी बोली भी जाती है।
वर्तमान में बच्चे, युवा आदि अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करना पसंद करने लगे हैं।वही डॉ प्रीत नेगी ने कहा कि हिंदी भी अब रोजगार की संभावनाएं पैदा कर रही है। यही कारण है कि युवा वर्ग अब इसके कोर्स कर रहे हैं। हिंदी साहित्यिक भाषा न होकर आर्थिक मदद करने में और आत्म निर्भर बनाने में भी मददगार हो रही है। अर्थ जगत में भी हिंदी का बोलबाला बढ़ा है। पूरा विश्व भारतीय भाषाओं की ओर आकर्षित हो रहा है, इसके लिए लोग हिंदी सीख भी रहे हैं। मां की तरह ही अपनी मातृभाषा को सम्मान दें।इस दौरान प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ प्रीत नेगी,अनिल शाक्य,प्रभारी सदस्य डॉ अशोक पटेल, डॉ प्रतीक चौबे, डॉ प्रीति यादव, डॉ भारती यादव, रश्मि राजपूत,मनोरमा चौधरी,श्रेया मिश्रा सहित महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र -छात्राओं की उपस्थिति रही ।
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