आजादी के लिए संघर्ष कर रही आज भी पत्रकारिता

इस ख़बर को शेयर करें

Journalism is still struggling for independence:(पत्रकार यदुवंशी ननकू यादव)विश्व पत्रकारिता आज भी प्रेस की आजादी के लिए संघर्ष कर रही है। कई देशों में पत्रकारों को धमकियाँ, सेंसरशिप और हिंसा का सामना करना पड़ता है, जबकि कई पत्रकारों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। प्रेस की आजादी लोकतंत्र की आधारशिला है, जो नागरिकों को सूचित रखती है, सरकारों को जवाबदेह बनाती है और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है.

*प्रेस की आजादी को खतरा:*

राजनीतिक दबाव:
सरकारों और राजनीतिक अधिकारियों द्वारा प्रेस पर दबाव डाला जा रहा है, जो पत्रकारिता को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से करने में बाधा डालता है.
सेंसरशिप:
कई देशों में सरकारें प्रेस पर सेंसरशिप लगाती हैं, जिससे लोगों को सच्चाई तक पहुंचने से वंचित किया जाता है.
हिंसा:
पत्रकारों पर हमले और हत्याएं भी प्रेस की आजादी के लिए एक बड़ा खतरा हैं.
डिजिटल सेंसरशिप:
ऑनलाइन मीडिया पर भी सेंसरशिप और निगरानी बढ़ रही है, जिससे पत्रकारों को ऑनलाइन आवाज उठाने से रोका जा रहा है.
मालिक की दबाव:
मीडिया के मालिक और बड़े कॉर्पोरेट संस्थानों का दबाव भी प्रेस की आजादी के लिए खतरा है.
प्रेस की आजादी क्यों महत्वपूर्ण है:
लोकतंत्र के लिए:
प्रेस की आजादी लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नागरिकों को सूचित रखती है और उन्हें सरकारी नीतियों और गतिविधियों के बारे में जानने का अधिकार देती है.
मानवाधिकारों की रक्षा:
प्रेस की आजादी मानवाधिकारों की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह लोगों को अपनी आवाज उठाने और अन्याय के खिलाफ बोलने का अधिकार देती है.
सार्वजनिक जागरूकता:
प्रेस की आजादी सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देती है, क्योंकि यह लोगों को विभिन्न मुद्दों के बारे में जानकारी प्रदान करती है.
जवाबदेही:
प्रेस की आजादी सरकारों को जवाबदेह बनाती है, क्योंकि यह उन्हें अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराती है.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस:
हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो प्रेस की आजादी के महत्व पर ध्यान केंद्रित करता है. इस दिन पत्रकारों को होने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है और पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में पहल की जाती है.
निष्कर्ष:
विश्व पत्रकारिता आज भी प्रेस की आजादी के लिए संघर्ष कर रही है, और पत्रकारों को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है. प्रेस की आजादी लोकतंत्र की आधारशिला है, और इसे बचाने के लिए हमें सभी को मिलकर काम करना चाहिए.

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें