जबलपुर जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित,निजी नलकूप खनन में पूर्णतः प्रतिबंध

इस ख़बर को शेयर करें

जबलपुर :कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी  दीपक सक्‍सेना ने कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के प्रस्‍ताव अनुसार इस वर्ष वर्षाकाल में जिले में सामान्य औसत वर्षा से कम वर्षा हुई है। साथ ही सिंचाई इत्यादि कार्यों में भू-गर्भीय जल का अत्यधिक दोहन होने के कारण पेयजल स्रोतो के जलस्तर में कमी आई है। सार्वजनिक पेयजल स्रोतों की क्षमता प्रभावित न हो, इसलिये निजी नलकूप खनन में पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। सा‍थ ही जनहित में पेयजल एवं अन्य निस्तार समस्याओं को देखते हुये जनता को पेयजल प्रदाय बनाये रखने, पेयजल का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिये तथा जनता की आवश्यकता की पूर्ति के लिये 30 जून तक के लिए सम्पूर्ण जिले को “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित किया है।जारी आदेश में उन्‍होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्रोतों में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रयोजनों के लिये नहरों में प्रवाहित जल के अलावा अन्य स्रोतों का जल दोहन किन्ही भी साधनों द्वारा जल का उपयोग नही करेगा। जिले के समस्त विकास खण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों के समस्त नदी, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्रोतों का उपयोग एवं घरेलू प्रयोजन हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया जाता है। जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राईवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नही करेंगा। यह आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नही होगा। जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है, उन्हें ऐसा करने के लिये निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को आवेदन करना होगा। इस कार्य के लिए जिले के “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सक्षम अधिकारी प्राधिकृत किया जाता है। अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर लेवें तथा अनुमति दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अभिमत प्राप्त करेंगे। खनित नलकूप असफल होने पर नलकपों में से केसिंग नहीं निकाली जायेगी। नलकूप में केप लगाकर चारों ओर 0.50×0.50×0.60 मीटर के साईज का सीमेंट कांक्रीट ब्लॉक बनाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक पेयजल स्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्रोत उपलब्ध नही होने पर जनहित में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्रोत को “पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2002” के सेक्सन 4 (ए) तथा 4 (बी) के प्रावधानों के अधीन अधिग्रहण निश्चित अवधि हेतु कर सकेगें। आदेश के उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध “म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-9 (मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण (संशोधन) अधिनियम 2022 के द्वारा संशोधित) एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।कलेक्‍टर श्री सक्‍सेना ने कहा कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सभी थाना प्राभारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समस्त फील्ड स्तर के अधिकारी-कर्मचारी, सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा सुनिश्चित कराया जावे।

 

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें