घूंघट मैं महिला जनप्रतिनिधि,पति कर रहे सरपंची,पंचायती राज व्यवस्था मैं महिला सशक्तिकरण बना दिखावा

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद: महिलाओं को स्वालम्बी बनाकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके इसके लिए सरकार के द्वारा हर क्षेत्र मे महिला आरक्षण दिया जा रहा है।जहां महिलाएं आगे आकर हिस्सा ले रही है ओर स्वयं आत्मनिर्भर बन रही है।उसी प्रकार पंचायती राज व्यवस्था मैं राजनीति मे महिलाओं को आगे लाने सरकार के द्वारा 50 फीसदी आरक्षण देकर सशक्त बनाने की पहल की है।लेकिन बहोरीबंद विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों की हकीकत कुछ ओर है।यहां महिलाजनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति,पुत्र सरपंची करते नजर आ रहे है।कही- कही तो उनके ससुर भी सरपंची करते नजर आ रहे है।बहोरीबन्द ब्लॉक की 79 ग्राम पंचायतों मैं 40 ग्राम पंचायतो मैं सरपंच महिलाये है।लेकिन महिला सरपंच अब घर की चार दिवारी मैं कैद है! चूल्हा- चौक कर रही है और उनके अधिकारों का उपयोग उनके पति,पुत्र या ससुर  कर रहे है।बहोरीबंद जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतो मैं पड़ताल करने मे यह हकीकत सामने आई।ग्राम सभाओं की बैठकों का संचालन,विकास व निर्माण कार्यो का दायित्व संभालना सहित अन्य कार्यो को कर रहे।ग्राम पंचायत के अलावा जनपद कार्यो पर भी जनपद कार्यालय उनके पति ही पहुँच रहे है।

मुख्यमंत्री के निर्देशो की उड़ रही धज्जियां

पंचायती राज व्यवस्था मैं महिला जनप्रतिनिधि अपने अधिकारों का उपयोग करें इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ठ निर्देश दिए है साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने भी आदेश जारी किए है।लेकिन कटनी जिले मे इन आदेशों का पालन नही किया जा रहा है।जबकि अन्य जिलों मैं अधिकारी इसका सख्ती से पालन करवा रहे है।जिले के बहोरीबन्द विकासखण्ड मैं तो महिला सशक्तिकरण बिल्कुल दिखावा बनकर रह गया।जबकि यहाँ एसडीओपी व तहसीलदार पदों पर नारी शक्ति ही पदस्थ है।या यूं कहें कि ग्राम पंचायत ,जनपद सहित जिला पंचायत के अधिकारी महिला सशक्तिकरण को लेकर संजीदा ही नही है।
जिस कारण आज भी ग्राम सभा की बैठक सहित निर्माण कार्यो मैं महिला सरपंच घूंघट मैं रहकर सिर्फ हिस्सा बनती है।
सरकार व विभागीय नियमो का पालन करने ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम रोजगार सहायक बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है बल्कि ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम रोजगार सहायक ही तवज्जो दे रहे है।

केस-1
ग्राम पंचायत निमास मैं गत दिनों स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ग्राम सभा की बैठक आयोजित हुई।जिसमें महिला सरपंच विनीता नायक की जगह उनके पति वीरू नायक ने ग्राम सभा का संचालन किया ।

केस- 2
ग्राम पंचायत कौड़िया मैं महिला सरपंच रुक्मणि मांझी है।लेकिन ग्राम सभाओं की बैठक सहित विकास व निर्माण कार्यों का संचालन पति विष्णु मांझी के द्वारा किया जा रहा है।

केस-3
ग्राम पंचायत सुपेली मैं तो हकीकत तो कुछ और है।यहां महिला सरपंच भागवती मांझी है।लेकिन यहां इनके पुत्र के द्वारा ग्राम सभा का संचालन सहित विकास ओर निर्माण कार्यों का संचालन किया जा रहा है!

इनका कहना है- अभिषेक कुमार जनपद सीईओ बहोरीबंद

जनपद की ग्राम पंचायतों मैं महिला जनप्रतिनिधि अपने अधिकारों का उपयोग क्यो नही कर रही है।इसके लिए महिला सरपंचो को प्रेरित किया जाएगा ताकि महिला सशक्तिकरण की दिशा मे महिला जनप्रतिनिधि बढ़ सके।ग्राम पंचायत सचिवों व ग्राम रोजगार सहायकों को भी सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे कि वे महिला जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन करने मे संलिप्त पाए जाते है तो कारवाई भी की जावेगी।

इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम बहोरीबंद

महिला जनप्रतिनिधियों को महिला अधिकारों के प्रति पूर्व मैं जागरूक किया गया है।फिर भी यदि पंचायती राज व्यवस्था मैं महिला अधिकारों का हनन हो रहा है तो महिला सशक्तिकरण की दिशा मे विशेष कदम उठाए जाएंगे ताकि महिला सशक्त बन सके।


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