सिहोरा में महिला अधिकारी बनी महिला कर्मचारी की दुश्मन,जूते चप्पल से मारने तक की दे डाली धमकी

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जबलपुर :एक तो महिला कर्मचारी को 5 माह से वेतन नहीं मिला ऊपर से महिला अधिकारी महिला कर्मचारी की इतनी बड़ी दुश्मन बन गई की महिला कर्मचारी को जूते चप्पल से मारने की धमकी तक दे डाली,आरोप तो यह है की महिला अधिकारी द्वारा पहले महिला कर्मचारी से 10 हजार रुपयों की मांग की जाती है और रुपये न देने पर तर्क में चिढ़ाते हुए महारानी कहकर बुलाया जाता है,इतना ही नहीं आरोप तो यह भी हैं की महिला अधिकारी महिला कर्मचारी को जूते चप्पल तक मारने की धमकी दें चुकीं है,महिला कर्मचारी पर हर तरह से पाबंदी लगाने के साथ वो काम भी करवाये जा रहे हैं जिनके लिए उनकी नियुक्ति ही नहीं हुई,यहां तक कि तबियत खराब होने पर भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।ऐसे में सवाल उठता है की मध्यप्रदेश सरकार का सुशासन सिर्फ कागजों और भाषणों तक सिमिट कर रहा गया है क्या ?

यह है पूरा मामला 

मामला जबलपुर जिले की जनपद पंचायत सिहोरा का है जहां पर सत्यरूपा सिंह चौहान ने 19 सितंबर के दिन जिला पंचायत सीईओ से लेकर कलेक्टर को लिखित शिकायत देते हुए बताया की वह  जनपद पंचायत सिहोरा में व्लॉक समन्वयक (पंचायतराज) के पद पर पदस्थ हैँ। उनकी नियुक्ति 5 अप्रैल 2025 को वर्ड क्लास सर्विस लिमिटेड द्वारा RGSA के माध्यमसे आउट सोर्स में हुई है।साथ ही अन्य जनपदों में भी इस पद पर कई बी.सी. एवंऑपरेट्र की नियुक्ति हुई है। मध्यप्रदेश पंचायतराज के द्वारा उन्हें 15बांएवं 5वां वित्त आयोग का कार्य किया जाने के आदेश जारी किए गएहैं। परंतु प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोरा आशा देवी पटले को अवगत कराने के बावजुद भी यह दायित्व नहीं सौपा गया।साथ ही प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा महिला कर्मचारी को  पी.ए.अई. 2.0 कार्य भी सौंपा गया था।महिला कर्मचारी द्वारा सूचना दी गई कि उनका स्वास्थ्य खराब(टायफाईड) है,उसके बाद भी सीईओ द्वारा महिला कर्मचारी के साथ  अमानवीय व्यवहार कर तुरंत कार्य पूरा करने के निर्देश जारी किये गये हैं,जिसका सक्षमता केअनुसार कार्य पूर्ण किया जा रहा है। इतना ही नहीं जिला पंचायत द्रारा महिला कर्मचारी का नाम एस.आई.आर.डी. प्रशिक्षण के लिये चयन किया गया था.प्रथम दिन महिला कर्मचारी द्वारा पत्र के माध्यम से जनपद को अवगत कराया गया था, परंतु प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोराके द्वारा उनके स्थान पर जनपद पंचायत के अन्य किसी को भेजा जाता है। जिस पर प्रभारी मुख्य कार्येपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोरा ने बिना स्वीकृति आकस्मक अवकाश, उपस्थिति पंजीयन में दर्ज किया गया हैं।साथ ही महिला कर्मचारी को जनपद पंचायत की सी.एम. हेल्पलाईन देखने एवं अन्य कार्य दिये गये हैं जिनका दायित्व उनके द्वारा भलीभांति पूर्ण किया जा रहा है।उसके बावजूद भी महिला कर्मचारी को वेवजह ही मानसिक रप से परेशान किया जा रहा है।

जूते चप्पल से मारने की धमकी 

वहीं आरोप है की विगत 2 माह पूर्व से प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा महिला कर्मचारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है साथ ही उनके द्रारा अभद्रभाषा का प्रयोग जैसे जूते-चष्पल मारने की बात की जाती है, महिला कर्मचारी के फोन में महारानी शब्द से सम्बोधित करना, साथ हीं विना किसी कारण से महिला कर्मचारी पर अभद्र टिपणी भी की जाती है। आरोप तो यह है की यह कार्य कई अन्य और कर्मचारियों के साथ भी किया गया है। प्रभारी मुंख्य कार्यपालन अधिकारी जनपदपंचायत सिहोरा के द्वारा जब महिला कर्मचारी को दरभाष पर फोन लगाया गया (उस समय महिला कर्मचारी टायफाईट बीमारी से ग्रसित थी) तब उनके  बेटे के द्वारा फोन उठाया गया था, उस सभय भी प्रभारी भुख्य कार्यपालन अधिकारीजनपद पंचायत सिहोरा के द्वारा कर्मचारी के  प्रति अभद्ध टिप्पणियां, महारानी से सम्बोधन एवं मैं उसकी नौकर नहीं हं, ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया था। जिसकी शिकायत महिला कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारियों के द्वारा जनपदअध्यक्ष को की गई थी, जिस पर उनके द्वारा तत्काल जनपद में बैठककर प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोरा कोसमझाईश दी गई थी।

सरकारी अवकाश पर भी गैर हाजिर

इतना ही नहीं आरोप तो यह भी है की महिला कर्मचारी द्वारा निरंतर उपस्थिति पंजीयन में अपनी उपस्थिति दर्जकी जाती है, परंत् प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोरा के द्वारा महिला कर्मचारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और शासकीय अवकाश पर भी उनके द्वारा उपस्थिति पंजीयन में अनुपि्थित/गैरहाजिर दर्ज कर दिथा जाता है। साथ हीं साथ महिला कर्मचारी को अगस्त माह2025 का वेतन के लिये उपस्थिति की जानकारी अस्पष्ट है, जो शंका का दर्शित करता है।

10 हजार रुपये की मांग,5 माह से नहीं मिला वेतन 

आरोप तो यह है महिला अधिकारी द्वारा महिला कर्मचारी से  10 ,000/– रूपर्ये अप्रत्यक्ष रूपसे मांग की जा रही है.महिला कर्मचारी आउट सोर्स की कर्मचारी है। उनका वेतन 14,00o/- रूपय है जो कि विगत 5 माह से नहीं मिला हैं। मैं महिला कर्मचारी अपने परिवार की देखरेख अत्याधिक कठिन परिस्थतियों में कर रही है जिस पर महिला कर्मचारी द्वारा उनके अवैध तरीके से मांग को पूरा किया जाना सम्भव नहीं है, महिला कर्मचारी का कहना है की यदि उनके साथ अगर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अप्रिय घटना घाटित होती है इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से प्रभाररी मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिंहोरा श्रीमती आशा देवीं पटले की होगी।महिला कर्मचारी का आरोप तो यह भी है की  पूर्व मेंभी ब्लॉक पंचायत समन्वयक (बीं.पी. ओ. ) श्रीं राजेश सोनवाने एवंश्रीमिती संध्या जाधव ए ए.ओ. के द्वारा भी इनके ऊपर यह अरिपलगाये गये थे एवं सोनवाने के द्वारा मानव अधिकार आयोग पर भीइनकी शिकायत की गई थी। अभद्र भाषा का प्रयोग (चष्पल-जूते से मारगे) इनके द्वारा श्रीमती सपना यादव ए.ए.ओ. जनपद पेंचायत सिहोरा के साथ किया गया था। श्रीमती आशा देवी पटले के द्वारा पूर्व में मण्डला जिले में भी यह कृत्य किया जा चुका है। जिस कारण से इनके विरूद्ध उस जिले में भी कार्यवाही की गई थीं।

इनका कहना है, नहीं मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाये गए हैं बिल्कुल गलत है,

जनपद सीईओ सिहोरा ,आशा देवी पटले

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