कैसे संवरेगा विद्यार्थियों का भविष्य,जब स्कूलों मैं ही नही शिक्षक
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- विद्यार्थी पढ़ लिखकर आगे बढ़े,अपने सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ाए इसके लिए सरकारी स्कूलों मैं बच्चों को पढ़ाने सरकार के द्वारा ढिढोरा पीठा जा रहा है।स्कूल चले हम,शिक्षा का अधिकार अधिनियम चलाया जा रहा है।लेकिन शासकीय स्कूलो की हकीकत कुछ ओर बयां कर रही है।बहोरीबंद विकासखण्ड मैं बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। कई स्कूलों में तो शिक्षकों की संख्या ही शून्य है। ऐसी स्थिति को देखते जिले में एक परिसर एक शाला योजना पिछले शिक्षा सत्र में लागू की गई ताकि अतिरिक्त बचे शिक्षकों को शिक्षकविहीन सरकारी स्कूलों में भेजा जा सके लेकिन पिछले शिक्षा सत्र से शुरू हुई इस योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही के साथ ही लेट लतीफी भी की जा रही है।विकासखण्ड मैं 15 शासकीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं।
बहोरीबंद विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला जरुआखेड़ा, भुमिया टोला, सिजहरी, टिकरिया व शासकीय माध्यमिक स्कूल ककरेहटा, भखरवारा, खमतरा, अमाड़ी, चाँदनखेड़ा, हाथीभार, तिंगवा, मोहनिया नीम, कूड़ा घानिया,संसारपुर व निपानिया स्कूल है!
इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें।
Click Here >>
Donate Now
यह योजना का स्वरूप
एक परिसर एक शाला योजना के तहत 150 मीटर के दायरे में जो सरकारी स्कूल संचालित हैं। उन्हें एक साथ मर्ज किया जाना है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी परिसर में दो प्राइमरी, दो मिडिल एक हाई स्कूल संचालित है तो दो प्राइमरी, दो मिडिल स्कूल को मिलाकर एक कर दिया जाएगा और उस परिसर के हाई स्कूल के प्राचार्य को इन सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूल का प्राचार्य माना जाएगा और इन्हीं प्राचार्य के मार्गदर्शन, निर्देशानुसार ही सभी शिक्षक अध्यापन कार्य कराएंगे। जिस स्कूल के साथ बाकि स्कूल मर्ज किए जाएंगे उसे एंकर शाला कहा जाएगा। एंकर शाला के प्राचार्य के पास ही मर्ज किए गए स्कूलों के शिक्षकों का रजिस्टर होगा सभी शिक्षक एंकर शाला के प्राचार्य की देखरेख में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ अध्यापन कार्य कराएंगे।
जानकारी अनुसार बहोरीबन्द विकासखण्ड में अब तक बड़ी संख्या में स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है। कई स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया लगातार की जा रही है लेकिन इस योजना का मुख्य उद्देश्य पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
शिक्षा विभाग के जिम्मेदार योजना के स्वरूप का मनमर्जी के अनुसार संचालन कर रहे हैं ।सिर्फ स्कूलों को मर्ज कर खानापूर्ती की जा रही है।लेकिन अतिरिक्त शिक्षकों को जरूरत के अनुसार स्कूलों में भेजने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।
Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।
इनका कहना है- प्रशांत मिश्रा बीआरसी बहोरीबंद
विकासखंड अंतर्गत 15 शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल शिक्षक विहीन है!
शिक्षकों की कमी से शिक्षा व्यवस्था न लड़खड़ाये उसके लिए अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली गईं है!
संकुल स्तर से शिक्षक विहीन स्कूलों मै एक -एक शिक्षक भेजनें की व्यवस्था बनाई गईं है!
इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।