
सोमवार से उर्वरक वितरण की नई व्यवस्था,ई-टोकन और उर्वरक वितरण प्रणाली” के प्रभावी होते ही निरस्त हो जायेंगे पुराने टोकन
जबलपुर, जिले में किसानों को उर्वरक वितरण की नई व्यवस्था सोमवार 6 अक्टूबर से पूर्णतः प्रभावी हो जायेगी। इस नई व्यवस्था “ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली” के प्रभावी होते ही किसानों को पूर्व में जारी सभी टोकन स्वतः निरस्त हो जायेंगे। उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम यह जानकारी देते हुये बताया कि किसानों को उर्वरक की सुगम आपूर्ति की नई व्यवस्था के पायलट प्रोजेक्ट में जबलपुर जिले का चयन किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट में जबलपुर के अलावा शाजापुर और विदिशा जिले को भी शामिल किया गया है।उप संचालक कृषि डॉ निगम ने बताया कि उर्वरक वितरण की नई व्यवस्था के तहत किसानों को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा तैयार किये गए पोर्टल https://etoken.mpkrishi.org पर ऑनलाइन ई-टोकन (पंजीयन) प्राप्त होगा। इसके अलावा क्यूआरकोड स्कैन कर भी किसान ई-टोकन प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ई-टोकन प्राप्त करने के लिये किसानों को पोर्टल पर आधार नंबर एवं बोई गई फसल की जानकारी देनी होगी तथा उर्वरक प्राप्त करने डबल लॉक केंद्र, सहकारी समिति या निजी विक्रेता का चयन करना होगा। पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी के आधार पर किसान को ई-टोकन प्राप्त होगा जिसके माध्यम से चयनित संस्था या निजी विक्रेता से उर्वरक प्राप्त किया जा सकेगा।डॉ. निगम के अनुसार ऐसे किसान जिनकी फार्मर रजिस्ट्री में सत्यापन हो चुका है वे स्वयं या किसी भी एमपीऑनलाइन सेंटर में जाकर अपना ई-टोकन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन जिन किसानों को फार्मर रजिस्ट्री में सत्यापन नही है उन किसानों को अपने जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन पटवारी से करवाने के बाद संबंधित ब्लॉक के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में जाकर पटवारी द्वारा सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर अपना ई-टोकन जनरेट करवाकर उर्वरक प्राप्त करना होगा।उप संचालक कृषि के मुताबिक पोर्टल के माध्यम से धारित रकबा के अनुसार उर्वरक की मात्रा की गणना, विक्रेता के पास उर्वरक का उपलब्ध स्टॉक एवं किसान द्वारा क्रय किये गये उर्वरक की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली के लागू हो जाने के बाद जिले में उर्वरक का विक्रय ई-टोकन के माध्यम से ही होगा। ई-टोकन के सत्यापन के बिना कोई भी रिटेलर उर्वरक विक्रय नहीं कर सकेगा।उप संचालक कृषि के अनुसार ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली में उर्वरक विक्रेता मोबाइल एप के माध्यम से किसान का ई-टोकन स्कैन करेगा। इससे किसान को दिए जाने वाली उर्वरक की मात्रा प्रदर्शित होगी। विक्रेता द्वारा किसान को दी गयी उर्वरक मात्रा को मोबाइल एप में भरेगा। जिसके पश्चात विक्रेता द्वारा पीओएस के माध्यम से किसान को उर्वरक वितरण किया जायेगा। डॉ निगम के मुताबिक किसान को यदि किसी विक्रेता के पास ई-टोकन में दर्ज पूर्ण मात्रा नहीं प्राप्त होती है तो किसान अन्य विक्रेता के पास जाकर उर्वरक क्रय कर सकता है। विक्रेता द्वारा ई-टोकन स्कैन करने पर पूर्व में किसान को दी गयी उर्वरक की मात्रा तथा कितनी और उर्वरक दी जाना है यह प्रदर्शित होगी।
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