आसमान मैं बादलों का डेरा किसानों को सताने लगी चिंता
स्लीमनाबाद : शुक्रवार को दोपहर से ही आसमान मैं बादलों के डेरे से किसानों के चेहरे मैं एक बार फिर चिंता सताने लगी।शाम तक आसमान मैं बादलों की लुकाछिपी का खेल चलता रहा साथ ही हल्की बूंदाबांदी भी हुई।
जिससे किसानों को चिंता सताने लगी कि यदि बारिश हुई तो उनकी चार माह की मेहनत पर पानी फिर जाएगा ।फिर आर्थिक समस्या उतपन्न हो जाएगी।क्योंकि खेतो मैं गेंहू की फसल पककर तैयार हो चुकी है।
कृषक राकेश साहू,जितेंद्र हळदकार, खोबेलाल यादव,संतोष यादव ने बताया कि रबी सीजन की प्रमुख गेंहू की फसल पककर तैयार हो चुकी है।
साथ ही कटाई का कार्य भी शुरू हो गया है।साथ ही कुछ क्षेत्रों मैं अभी गेंहू की फसल पकी नही वहां सप्ताह भर मैं कटाई कार्य शुरू हो जाएगा।लेकिन जिस प्रकार शुक्रवार को मौसम बदलाव हुआ उससे यदि बारिश हुई तो फसल खराब हो जाएगी।बारिश होने से गेंहू की बालियों मैं कालापन आ जायेगा ,फसल खेतो मैं लेट जाएगी जिससे उत्पादन प्रभावित होगा।
उत्पादन प्रभावित होने से किसानों की चार माह की मेहनत बेकार जाएगी।
मौसम के बदलाव के चलते जो गेंहू की फसल जो पककर तैयार हो चुकी है उसके कटाई व मिसाई कार्य पर किसान लगे रहे ताकि नुकसान न हो।
किसानों का कहना था पशुओं को भूसा की व्यवस्था के लिए मजदूरों से कटाई करवानी पड़ती है।साथ ही जिन कृषको को भूसा की आवश्यकता नही है वो हार्वेस्टर से कटाई करवा रहे है।
क्योंकि फरवरी माह मैं विकासखंड के दर्जनों गांवों मैं ओलावृष्टि व बारिश से फसल प्रभावित हुई थी।
25 हजार हैक्टेयर मैं हुई है रबी सीजन खेती-
कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने बताया कि बहोरीबंद विकासखण्ड मैं 25 हजार हैक्टेयर मैं रबी सीजन की खेती हुई है।
जिसमे से 18 हजार हैक्टेयर मैं गेंहू की फसल की बोवनी हुई है।
गेंहू की फसल 80 फीसदी पककर तैयार हो चुकी है साथ ही कटाई कार्य भी शुरू हो गया।लेकिन 20 फीसदी फसल अभी पकने को तैयार है।शुक्रवार को जिस प्रकार मौसम मैं बदलाव हुआ है यदि बारिश हुई तो गेंहू की पकी फसल को नुकसान होगा।