खेती से किसानों की आय हो दोगुनी, किसानों को उन्नत खेती के बतलाये फायदे
सुग्रीव यादव :स्लीमनाबाद -भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्यस्तरीय तकनीकी अधिकारी सरजू पालेवार गुरुवार को विकासखंड बहोरीबंद पहुँच कर खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना की जमीनी हकीकत का जायजा लिया। केन्द्रीय तकनीकी अधिकारी ने अनुविभागीय कृषि अधिकारी-कटनी पूनम गर्ग तथा एसएडीओ बहोरीबंद राजकिशोर चतुर्वेदी के साथ ग्राम पंचायत तिहारी, कूड़न, पथराड़ी पिपरिया, निपनिया तथा नैगवां पहुँच कर किसानों के खेतों का मौका निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान केंद्रीय तकनीकी अधिकारी ने कृषक लाला चक्रवर्ती ग्राम तिहारी , रविशंकर पान्डेय ग्राम कूड़न, विषम्भर प्रसाद गौतम,गोविन्द सिंह लोधी ग्राम पथराड़ी पिपरिया, उजियार सिंह गौड़ ग्राम निपनिया, उत्तरा सिहं ठाकुर, रामसिंह गौड़ नैगवां आदि के खेतों में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा मिशन के तहत धान डीएस आर क्लस्टर प्रदर्शन, क्राप बेस दलहन (अरहर- गेहूँ) अरहर किस्म पूसा-16फसल प्रदर्शन, धान स्ट्रेसटालरेंस किस्म जे आर 206 फसल प्रदर्शन, मिलेट कोदों फसल प्रदर्शन तथा सोलर लाइट ट्रेप से लाभान्वित कृषकों के खेतों में पहुँच कर मौका निरीक्षण किया तथा किसानों से फीड बैक प्राप्त किया। एनएफएसएम योजना वर्ष 2024-25 के तहत सिचाई कृषि उपकरण पाईप लाईन एवं स्प्रिंकलर सेट से लाभान्वित कृषक प्रमोद सिंह लोधी, सतेन्द्र सिंह गौड़, उजियार सिंह पटेल, भगवानदास पटेल आदि किसानों ने योजना लाभ पर प्रसन्नता ब्यक्त करते हुए योजना को किसान हितैषी बताया।
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रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति हो रही खराब –
विकास खंड बहोरीबंद के आदर्श ग्राम पथराड़ी पिपरिया में किसान संगोष्ठी व फील्ड डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सरपंच आशा बाई चौधरी की अध्यक्षता में उपस्थित 102 किसानों को राज्य स्तरीय तकनीकी अधिकारी सरजू पालेवार ने भारत शासन द्वारा संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दलहन, खाद्यान्न व मिलेट फसलों के क्षेत्राच्छादन में उत्तरोत्तर विस्तार करने की सलाह दी। उन्होंने योजना के महत्व व योजना प्रावधान पर विस्तार से चर्चा की!
कहा कि फसलों में ज्यादा उत्पादन के चक्कर में किसान भूमि की सेहत बिगाड़ रहे हैं। यह स्थिति खाद, कीटनाशक का जरूरत से ज्यादा उपयोग करने पर हो रहा है। जमीन कठोर होने के साथ-साथ उर्वरा क्षमता कम होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। किसानों को जैविक खाद उपयोग करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस तरफ किसानों का रुझान नहीं है।
कीटनाशक दवाओं, रासायनिक खाद का ज्यादा उपयोग करने से फसल मित्र जीव-जंतुओं की संख्या साल दर साल घट रही है। साथ ही जमीन कठोर हो रही है और यदि इसी मात्रा में खाद, कीटनाशक डलता रहा तो भविष्य में जमीन बंजर होने की कगार पर पहुंच जाएगी।इसलिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव किसान करें, जो लाभदायक होगा।
साथ ही किसान संगोष्ठी पर मसूर मिनीकिट, चना ,मटर तथा सरसों बीज का वितरण 20 किसानों को किया गया।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी पूनम गर्ग ने नरबाई प्रबंधन तथा डीएसआर पद्धति के लाभकारी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। तथा इसे अभियान के रुप में लगातार अपनाने की अपील की।एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने उपस्थित किसानों को भारत शासन व राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी तथा कार्यक्रम का संचालन किया।
इस दौरान कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण मईड़ा, भूपेंद्र सिंह रघुवंशी, विनीत कुमार, सत्यनारायण धाकड़, प्रेम मौर्य, बबलू मुवेल, मोहन सोलंकी,दिव्या किहोरी, अमर सिंह ऐमा सहित किसानों की उपस्थिति रही!
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