ग्रीष्मकालीन फसल के लिए बिजली बनी रोड़ा,बिजली के लिए किसान हो रहे परेशान

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : बहोरीबंद विकासखण्ड  क्षेत्र में इन दिनों गेहूं की कटाई के बाद गर्मी की तीसरी मूंग-उड़द फसल के लिए किसानों की बोवनी जारी है।साथ ही जिन किसानों ने बोवनी कर ली वहाँ सिंचाई की जा रही है।लेकिन पलेवा और सिंचाई के लिए समय पर पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।कृषि कार्य के लिए घोषित दस घंटों में से 6-7 घंटे ही बिजली मुहैया हो पा रही, उसमें सुधार के नाम पर कटौती शामिल है। कहीं कहीं तो 3-4 घंटे ही बिजली नसीब हो पा रही।कृषक वर्ष की तीसरी फसल से आय का जरिया बना रहे व समृद्ध बने इस कारण ग्रीष्मकालीन फसल की खेती किये लेकिन कुछ क्षेत्रों में बिजली की भारी कटौती हो रही। वोल्टेज भी सही नहीं मिल रहा, जिससे मूंग की बोवनी-सिंचाई के लिए किसान पानी की मोटरें-पंप ही नहीं चला पा रहे।

6 हजार हैक्टेयर मैं है बोवनी लक्ष्य-

बहोरीबंद विकासखण्ड क्षेत्र मे ग्रीष्मकालीन फसल मूंग-उड़द का 6 हजार हैक्टेयर लक्ष्य रखा गया है।जिसमें 4 हजार हैक्टेयर मैं मूंग व 2 हजार हैक्टेयर मैं उड़द फसल है।जो गत वर्ष की अपेक्षा 2 हजार हैक्टेयर ज्यादा है।कृषक जुगलकिशोर यादव,संतोष यादव,प्रमोद कुशवाहा, जगदीश कुशवाहा सहित अन्य किसानों ने बताया कि जब कृषि कार्य के लिए 10 घण्टे निर्धारित है तो उसमें अघोषित कटौती क्यो की जा रही है।10 घण्टे की बिजली भी कृषि कार्य के लिए दो शिफ्ट पर दी जा रही है।रात्रि के समय 4 घण्टे व दिन के समय 6 घण्टे।उसमे से कभी कभी तो रात्रि शिफ्ट वाली बिजली तो आती ही नही है।दिन वाली शिफ्ट मैं भी 1-2 घण्टे की अघोषित कटौती कर दी जाती है।कब बिजली चालू हो जाये कब बंद हो इसका भी समय निर्धारित नही है। जबकि पूरे दस घंटे बिजली तय शेड्यूल के तहत मिलनी चाहिए थी। कभी-कभी ओवरलोड होने के कारण भी ट्रिपिंग की समस्या आ रही है। शिकायत के बाद भी सुधार नहीं हो रहा। अधिकारी शिकायत ही नहीं सुन रहे हैं।किसान यदि रातभर जागता रहता है और फोन करता है तो अधिकारी फोन ही नहीं उठाते। फाल्ट के नाम पर दिन तो दिनभर कटौती होती रहती है।

इनका कहना है- कृष्ण मोहन सहायक अभियंता स्लीमनाबाद

कृषि कार्य के लिए जो निर्धारित शेड्यूल है 10 घण्टे उसी शेड्यूल मैं कर्मचारियों को बिजली मुहैया कराने को कहा गया।कभी कभी फाल्ट व ट्रिपिंग के कारण कटौती करनी पड़ती है।इसके अलावा अन्य कोई अघोषित कटौती नही की जाती है।


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