जबलपुर जिले के एक साथ आठ उप स्वास्थ्य केंद्रों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन
जबलपुर,राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) प्रमाणन के तहत राष्ट्रीय स्तर के बाह्य मूल्यांकन के लिए जबलपुर जिले की आठ उप स्वास्थ्य केंद्रों (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) को एक साथ चुना गया है।
यह है मामला
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एनएचएसआरसी द्वारा पैनलबद्ध एनक्यूएएस मूल्यांकनकर्ताओं की टीम आंध्रप्रदेश के डॉ अकुला महेश्वर, उत्तर प्रदेश के डॉ प्रशांत श्रीवास्तव, मुंबई की डॉ अर्चना पंडगे और डॉ सुनीता पालीवाल, आंध्रप्रदेश के डॉ अडप्पा आशुभाउ, गुजरात के डॉ प्रशांत कुमार जाधव एवं उत्तरप्रदेश के डॉ जसवंत कुमार द्वारा पिछले महीने जनवरी में जबलपुर जिले के उपस्वास्थ्य केंन्द्रो (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता एवं अनिवार्य सेवा पैकेज की जांच की थी। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया। राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा बाह्य मूल्यांकन किया गया जिसके आधार पर जबलपुर जिले के आठ उपस्वास्थ्य केंन्द्रो को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त हुआ।
आमाहिनौता को सबसे ज्यादा 98.37 प्रतिशत अंक
वहीं इनमें विकासखण्ड पनागर के उप स्वास्थ्य केंद्र आमाहिनौता को सबसे ज्यादा 98.37 प्रतिशत अंक हासिल हुए। उसके बाद विकासखण्ड सिहोरा के उप स्वास्थ्य केंद्र दरोली कला को 93.39 प्रतिशत, सिहोरा के ही उप स्वास्थ्य केंद्र अगरिया को 89.94 प्रतिशत, शहपुरा के उप स्वास्थ्य केंद्र घुंसौर को 88.21 प्रतिशत, पाटन के उप स्वास्थ्य केंद्र बरोदा हडा को 86.89 प्रतिशत, शहपुरा के उप स्वास्थ्य केंद्र भैरोंघाट को 86.59 प्रतिशत तथा विकासखण्ड मझौली के उप स्वास्थ्य केंद्र दर्शनी को 86.48 प्रतिशत एवं उप स्वास्थ्य केंद्र उमरिया डिरहा को 84.35 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सभी अनिवार्य सेवा पैकेज मानदंडों को पूरा कर गुणवत्ता प्रमाणन हासिल करने में सफलता हासिल की है।राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर जांच करती है। अस्पताल मेंं उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर पर परखे जाते हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाली संस्थाओं को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।जबलपुर जिले को मिली बड़ी सफलता में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा का कुशल मार्गदर्शन एवं उत्साहवर्धन के अलावा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल, जिला क्वालिटी नोडल डॉ आदर्श विश्नोई, जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय पाण्डेय, जिला क्वालिटी मॉनिटर डॉ शिखा गर्ग, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, डॉ अर्शिया खान, डॉ दीपक गायकवाड, डॉ सी के अतरौलिया, मेडिकल ऑफिसर, सबंधित विकासखण्ड की टीम, संस्था के सीएचओ के साथ सहयोग करने वाले सीएचओ, एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं का अथक परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगनशीलता महत्वपूर्ण रही।सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि जबलपुर जिले में शुरू में 15 एसएचसी को एनक्यूएएस प्रमाणित किया जा रहा है और 50 की तैयारी चल रही है। इसके बाद सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को एनक्यूएएस प्रमाणन में शामिल किया जाएगा, ताकि देखभाल के गुणवत्ता मानकों और बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि यह सभी स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों के लिए खुशी की बात है कि जिले के 25 स्वास्थ्य केंद्रों को आज तक एनक्यूएएस प्रमाणित किया गया है।