धनतेरस पर बाजार मे हुई धनवर्षा,दीपोत्सव पर्व शुरू, सराफा,इलेक्ट्रॉनिक व बर्तन कारोबार हुई जमकर खरीददारी

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स्लीमनाबाद- रोशनी के महापर्व दीपोत्सव पर्व का आगाज मंगलवार को धनतेरस से हो गया जो भाई दूज चलेगा।
दीपावली व धनतेरस को लेकर स्लीमनाबाद व बहोरीबंद तहसील मुख्यालय के बाजारों की रौनक देखने को मिली! बाजार में खरीददारी के लिए दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतार लगी रही। बर्तन बाजार व ज्वेलर्स की दुकानों में अधिक रौनक रही। बाइक, मोबाइल, जेवर, फर्नीचर व इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीद पर लोगों का रुझान दिखाई दिया। दुकानदारों ने भी विभिन्न सामान की खरीद पर छूट व तोहफा दिए जाने के साथ ही मुफ्त में होम डिलीवरी की भी सुविधा तक देकर ग्राहकों को खूब लुभाया। इसके साथ ही सडक़ के किनारे लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और मिट्टी के दीयों की दुकानों पर भी दिनभर भीड़ रही। धनतेरस पर लोग धातु के बर्तन, सोने और चांदी के जेवर और सिक्के खरीदना शुभ मानते हैं। धनतेरस पर सबसे अधिक लोगों ने बर्तनों की खरीददारी की। दुकानदारों का कहना था कि जुलाई के बाद से तो उनका कारोबार बिल्कुल ही धीमा पड़ गया था। लेकिन धनतेरस के कारण कारोबार को नई उर्जा मिली है।

बाइक की हुई खरीददारी-
धनतेरस को लेकर स्लीमनाबाद तहसील मुख्यालय मैं स्थित दो पहिया वाहन शोरूमो बाइक की खरीददारी ज्यादा हुई।
। क्योंकि बाइक की बुकिग का सिलसिला पिछले एक सप्ताह से चल रहा था, ज्यादातर ग्राहकों ने धनतेरस के दिन बाइक खरीदी। हालांकि कुछ लोगों ने दीपावली के दिन खरीदी के लिए बुकिंग कराई। इसी तरह मोबाइल व कपड़ा दुकानों मैं अच्छा व्यापार देखने को मिला।

सजावट के सामान की भी रही मांग-
रौशनी के त्योहार के मद्देनजर घरों को सजाने के लिए रंग-बिरंगी झालरें हर किसी की पहली पसंद रही। इसके साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश की इलेक्ट्रॉनिक मूर्तियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने रहे। दीपावली की तैयारी को लेकर धनतेरस को ही मिट्टी के दीए व मूर्तियां लोगों ने खरीदे। जगह-जगह लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाओं की बिक्री के लिए स्टाल सजे रहे। इन स्टालों पर पहुंचकर लोगों ने अपनी श्रद्धा व क्षमता के अनुसार लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा की खरीददारी की।वहीं धनतेरस के दिन सोने और चांदी का आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। आभूषणों में पहली पसंद खासकर महिलाओं के लिए सोने से बनी जेवर ही होती है। इसलिए बाजार में पीली धातु के जेवरों की डिमांड रही। इसके बाद चांदी के सिक्के की भी कई वैयराइटी बाजार में देखी गई। धनतेरस के मौके पर ज्वैलरी की दुकानों पर महिलाओं की रही।

100 वर्षो बाद धनतेरस पर बना महासंयोग –
पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि
धनतेरस पर इस बार त्रिग्रही, त्रिपुष्कर, इंद्र और वैधृति योग के साथ ही उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का भी संयोग बना । धनतेरस पर यह महासंयोग 100 से अधिक साल बाद बना है!लगातार दूसरी बार ऐसा मौका होगा जब दीपोत्सव पर्व मनाने के लिए पांच की बजाय छह दिन का समय मिलेगा!वर्ष 2023 मैं दो दिन अमावस्या तिथि थी जो इस वर्ष भी अमावस्या तिथि दो दिन है!धनतेरस पर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की गई! संध्याकाल में घर व प्रतिष्ठानों में दीपदान किया गया!

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