श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाहोत्सव मैं झूमे श्रद्धालु,बरसाए फूल, हवन यज्ञ पूर्णाउती के साथ हुआ सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत धरवारा मैं चल रहे सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया।समापन बेला पर हवन यज्ञ पूर्णाउती हुई।
शनिवार को विशाल भंडारा आयोजित किया जायेगा!
सप्ताह ज्ञान यज्ञ मैं संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा  का आयोजन हो रहा था। कथा वाचक नीलम मिश्रा के द्वारा संगीतमयी कथा सुनाई गई। कथा सुनने रोजाना बड़ी संख्या में ग्रामवासी पहुंचकर धर्म लाभ लिए।

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श्रीकृष्ण-रूक्मणी विवाह में जमकर झूमे श्रद्धाल

गुरुवार को श्री कृष्ण-रुक्मणी विवाह चरित्र का प्रसंग सुनाया। कृष्ण-रुक्मणी विवाह में श्रद्धालु झमकर झूमे। कथा वाचक ने कहा कि, प्रभु की कृपा के लिए भक्ति की आवश्यकता है। इस दौरान कृष्ण रुक्मणी की सजीव झांकी सजाई गई तथा संगीतमय भजनों पर महिला श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर जमकर झूमे।कथावाचक ने कहा कि श्री कृष्ण ने अपने मामा का नहीं बल्कि उसके अहंकार का वध किया। द्वापर युग में जब कंस का अत्याचार बढ़ा तब भगवान विष्णु ने मनुष्य रूप में श्रीकृष्ण का जन्म लेकर बड़े- बड़े राक्षसों का वध करने के बाद अंत में पापी कंस का वध कर लोगों को उसके अत्याचारों से छुटकारा दिलाया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा नरेश के रूप में विराजमान होने के साथ देवी रुक्मणी के साथ धूमधाम से विवाह किया। श्रीहरि के जयघोष से पूरा पांडाल गूंज उठा। कथा वाचक द्वारा उद्घोषित मंत्रोचार के बीच जैसे ही विवाह का कार्य संपन्न हुआ तो श्रद्धालुओं की भीड़ ने पुष्प वर्षा की।

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मित्रता हो तो श्रीकृष्ण सुदामा जैसी

शनिवार को संगीतमय कथा मैं श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता का प्रसंग सुनाया गया।कथा वाचक कहा कि सच्ची मित्रता के लिए कृष्ण सुदामा की मित्रता का उदाहरण दिया जाता है। द्वारपाल के मुख से सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने पहुंच गए। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर सुदामा में क्या खासियत है कि, भगवान खुद ही उनके स्वागत में दौड़ पड़े। श्रीकृष्ण ने स्वयं सिंहासन पर बैठाकर सुदामा के पांव पखारे। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।इस दौरान जिला पंचायत सदस्य पंडित प्रदीप त्रिपाठी,जुगल किशोर गर्ग, अमित गर्ग, पंकज नामदेव सहित बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

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