सरदार विष्णु सिंह गोंड की मूर्ति स्थापना दिवस पर बैतूल में उमड़ा आदिवासी समुदाय का जनसैलाब

इस ख़बर को शेयर करें

राजेश मदान बैतूलबैतूल में आदिवासी समुदाय का उमड़ा जनसैलाब जिसमे एक सीएम के कार्यक्रम से भी ज्यादा देखने को मिला जन समुदाय मूर्ति का अनावरण होते ही जोरदार आतिशबाजी के साथ जय घोष किए गए । आदिवासी एकता का भव्य प्रदर्शन आज जिला मुख्यालय पर देखने को मिला। जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था दिन भर अव्यवस्थित रही ।कार्यक्रम में जिला मुख्यालय पर जिले भर से आदिवासी संगठनों ने पहुंचकर शिरकत की।इस दौरान बैतूल आदिवासी एकता का भव्य प्रदर्शन आज: सरदार विष्णु सिंह गोंड मूर्ति स्थापना दिवस पर देखने को मिला ऐतिहासिक महारैली आज जिला मुख्यालय पर निकाली गई। लगभग 30 हजार से भी अधिक आदिवासियों की भागीदारी रही , पारंपरिक वेशभूषा और सांस्कृतिक धरोहर के साथ जिला मुख्यालय पर उमड़ा आदिवासी समुदाय जिन्होंने आदिवासी एकता और सांस्कृतिक धरोहर का भव्य प्रदर्शन किया। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) द्वारा आयोजित इस आयोजन में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे दिखाई दिए, जो इस रैली का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

सरदार विष्णु सिंह गोंड की प्रतिमा का पुनः अनावरण

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।

जयस संगठन ने 11 अगस्त 2021 को कोठी बाजार बस स्टैंड पर सरदार विष्णु सिंह गोंड की मूर्ति स्थापित की थी, और तब से हर वर्ष यह दिन मूर्ति स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। जयस संगठन ने इस मौके पर सरदार विष्णु सिंह गोंड की एक बड़ी प्रतिमा पुनः स्थापित की है, जिसका अनावरण भी आज कोठी बाजार बस स्टैंड पर किया गया। रैली के दौरान विभिन्न चौक-चौराहों पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिए उद्बोधन से आदिवासी समाज को जागरूक करने का प्रयास किया गया।जयस जिला अध्यक्ष संदीप कुमार धुर्वे ने बताया कि इस महारैली को लेकर पूरे जिले में उत्साह का माहौल है। रैली की सफलता के लिए विगत कई दिनों से तैयारियां की जा रही थी । आदिवासी अंचलों में गांव-गांव में प्रचार-प्रसार के लिए विशेष रैली गीत का उपयोग किया गया था । इस महारैली से आदिवासी समाज को एक नई दिशा और प्रेरणा मिलेगी। जयस कार्यकर्ताओं की मेहनत और संगठन की तैयारी ने इस आयोजन को सफल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 30 हजार से अधिक आदिवासियों की उपस्थिति से यह रैली एक ऐतिहासिक रैली बन गई, जिसमें आदिवासी एकता और संस्कृति का भव्य स्वरूप देखने को मिला ।

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें