बाल विवाह है एक गंभीर सामाजिक बुराई, समाज मे फैली इस कुप्रथा को करना है दूर

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना बहोरीबंद के द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मै बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बुधवार को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया!
इस अवसर पर कक्षा 9 से 12 की किशोरी बालिकाओं को बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए ब्लॉक समन्वयक ऋतुराज गुप्ता ने बताया कि जल्दी शादी आपकी पढ़ाई को विराम लगा देगा जिस से आपके खुद के पैरों पर खड़े होने का स्वप्न अधूरा रह जाएगा।आप आत्म निर्भर नहीं बन पाएंगी और परिवार , समाज को आप जो योगदान देना चाहती है वह पूरा नहीं होगा।वही  सुपरवाइजर रानी ठाकुर ने बाल विवाह और कम उम्र में गर्भधारण के दुष्परिणाम को रेखांकित करते हुए बाल विवाह की रोक थाम हेतु कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।पर्यवेक्षक ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है!समाज मे इस कुप्रथा का स्वरूप भयावह है!इसलिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा ओर बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करना है!लडके व लड़कियो का सही उम्र मे ही विवाह कराये!लडके की उम्र 21 वर्ष ओर लड़की की उम्र 18 वर्ष हो जाये तभी विवाह करें!
बाल विवाह की रोकथाम अधिनियम 2006 की धारा 9,10,11एवं 13 के तहत बाल विवाह कराने, सहयोग देने वाले व्यक्ति, व्यक्तियों सामाजिक संगठन के लिए दो वर्ष तक का कारावासअथवा एक लाख रूपये का जुर्माना लगेगा!
महिला एवं बाल विकास द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल बनाया गया है!यह पोर्टल एक ऐसा अभिनव ऑनलाइन प्लेटफार्म है!जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने ओर अन्य जानकारी प्रदान करने मे सक्षम बनाता है!
इस अवसर पर बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक ग्राम भ्रमण रैली भी निकाली गई! जिसमें किशोर-किशोरियों ने हाथों में संदेशात्मक पोस्टर लेकर बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति ग्रामवासियों को जागरूक किया। रैली उपरांत सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह न करने और न होने देने की सामूहिक शपथ दिलाई गई कि वे बाल विवाह नहीं करेंगी और यदि उनकी जानकारी में ऐसा आता है तो समय पर उसकी सूचना आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , आशा कार्यकर्ता अथवा पंचायत को देंगी।इस अवसर पर प्राचार्य सहित विद्यालय परिवार के शिक्षक- शिक्षिकाएं उपस्थित रही।

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