मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का बड़ा फैसला इन धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी
Complete liquor ban in these cities of Madhya Pradesh:धर्मिक शहरों में शराब बंदी की खबर सुराप्रेमियो के लिये भले ही बुरी हो लेकिंन धर्मिक व्यक्तियों के लिए अच्छी और राहत भरी खबर है,गौरतलब है की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी की मांग पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भी रखा था लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी ,इसके बाद जब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उमा भारती की मुलाकात हुई तो इसके बाद भी शराबबंदी को लेकर सवाल उठे थे,जिसके चलते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की सभी धार्मिक नगरियों में शराब बंद करने का ऐलान किया है.सरकार 1 अप्रैल से आबकारी नीति में बदलाव करने जा रही है, जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सरकार की जमकर तारीफ की है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला
वहीं मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने गुरुवार 23 जनवरी को ऐलान किया है कि राज्य के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी होगी. नरसिंहपुर में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से संकल्प लिया है कि 17 अलग-अलग धार्मिक नगरी में हम शराबबंदी करने की घोषणा कर रहे हैं. न कोई देशी और न कोई विदेशी किसी तरह की शराब इन धार्मिक नगरी में नहीं मिलेंगी. ये हमारे उस संकल्प को पूरा करते हैं जिस आधार पर हमने अपनी सरकार को चलाने का फैसला लिया है.
क्या बोलीं उमा भारती
उन्होंने कहा, ”मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के द्वारा धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए मोहन यादव का अभिनंदन. दो साल पहले हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब पर प्रतिबंध नीति बहुत ही जनहितकारी एवं व्यवहारिक थी. हम पूर्ण शराबबंदी की ओर ही बढ़ रहे थे. यह पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम है.
17 अलग-अलग धार्मिक नगरी में शराबबंदी
1,महाकाल की नगरी उज्जैन
2,ओंकारेश्वर महेश्वर,नर्मदा तट प्राचीन मंदिर
3,राम राजा मंदिर ओरछा, जिला निवाड़ी
4,मैहर शारदा मंदिर
5,सलकनपुर बीजासन मंदिर , जिला सीहोर
6,जानापाव, जिला इंदौर
7,पीतांबरा पीठ, जिला दतिया
8,नलखेड़ा, जिला आगर मालवा
9,महेश्वर, जिला खरगोन
10,पशुपतिनाथ मंदिर,जिला-मंदसौर
11,मां नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक
12,मंडला नर्मदा घाट
13,मुलताई ताप्ती नदी का उद्गम स्थल
14,जबलपुर संस्कारधानी नर्मदा घाट
15,चित्रकूट राम घाट
16,बरमान नर्मदाघाट
17,पन्ना जुगलकिशोर मंदिर