वर्षा काल मे नाव बनती है सहारा,घरों मैं कैद होने मजबूर होते है रहवासी
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद– ग्रामीण अंचलों मैं सर्वागीण विकास हो इसके लिए सरकार व शासन के द्वारा तमाम योजनाएं संचालित की जा रही है।जिसमे भारी भरकम राशि भी खर्च की जा रही है।लेकिन आजादी के सात दशक के बाद भी बहुत से ग्रामीण अंचल ऐसे है।जिन्हें विकास की जरूरत है।बहोरीबंद विकासखण्ड की ग्राम पंचायत अमरगढ़ अंतर्गत गाड़ा पड़रिया पुल इसका उदाहरण है।कम ऊंचाई का पुल हमेशा वर्षा काल मे रहवासियों के लिए परेशानी का सबब बनता है। ग्राम गाड़ा पड़रिया के निवासरत रहवासी बरसात के समय चार माह के लिए घरो मैं कैद होने विवश होते है।
वर्षाकाल के समय आवागमन मैं परेशानी उठानी पड़ती है।
लेकिन आजादी के बाद से अब तक यहां के रहवासी यह दंश भुगत रहे।ऊंचे पुल का निर्माण कार्य कराने न ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा न ही प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है।
सुहार नदी आती है उफान पर डूब जाता है पुल
ग्राम गाड़ा पड़रिया के ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों मैं सुहार नदी उफान पर आ जाती है ।जिससे गाड़ा पड़रिया ग्राम के पास बना पुल डूब जाता है।जिससे पहाड़ीखेडा- बचैया मार्ग मैं आवागमन बन्द हो जाता है। संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट जाता है ।लोगो को पुल से इस-उस पार लाने ले जाने नाव का सहारा लिया जाता था।यदि बचैया जाना पड़े तो फिर लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है ।हाल ही मे इस वर्ष भी विगत दिनों हुई वर्षा के चलते पुल डूब गया था, जिस कारण आवागमन बंद हो गया था!
हर बार चुनाव मे उठता है मुद्दा
ग्रामीणों ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत तो दूर विधानसभा व लोकसभा के चुनाव मे हर बार मुद्दा उठाया जाता है की ऊंचाई का पुल बनाया जाए जिससे वर्षा काल मे होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके ।लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक पुल की ऊंचाई का कार्य नही हो सका है।
जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है।
इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम बहोरीबंद
बहोरीबंद विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम गाड़ा-पड़रिया मैं ऊंचाई वाला पुल बनना जरूरी है।इस विषय पर जरूरी प्रक्रिया पूर्ण करते हुए जिला प्रशासन व शासन स्तर तक मांग पत्र भेजा जाएगा।