आरोपियों को कहीँ बचा तो नहीं रही बघराजी पुलिस ?नहीं लिखी पीड़ित की रिपोर्ट,पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

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जबलपुर :मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने साफ शब्दों में अधिकारियों को कहा था की सुशासन को जमीनी स्तर पर पहुँचाना है, लेकिन बघराजी चौकी अंतर्गत कार सवार बदमाशों द्वारा पति पत्नी के साथ मारपीट करते हुए पति को जबरन कार से अपहरण करने की कोशिश की गई ग्रामीणों के बीचबचाव करने पर किसी तरह आरोपी भाग गए,लेकिन घटना के बाद बघराजी चौकी में पीड़ित की न तो रिपोर्ट लिखी जाती है न ही पीड़ित के बयान लिए जाते है।अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी हो जाता है की क्या यही है सरकार का  सुशासन ? और  क्या मुख्यमंत्री के आदेश को अधिकारियों ने अच्छी तरह से नहीं सुना क्या ?तो वहीँ जब पीड़ित को स्थानीय पुलिस से न्याय नहीँ मिला तो  न्याय की उम्मीद में पीड़ित आज जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा को लिखित आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

क्या है पूरा मामला

पीड़ित ने आज पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देते हुए बताया की दिनांक 02/02/024 को पीड़ित आशिष  पटेल पिता प्रीतम पटेल निवासी पिपरिया और उसकी  पत्नि सपना अपने घर पर थे तभी रात्रि लगभग 9:45 पर जित्तु पटेल और ओगेश पटेल, सोनू रजक, विकास जायसवाल, नरेन्द्र ठाकुर नशे की हालत में एकराय होकर पीड़ित के घर पर घर का दरवाजा खटखटाया जिसकी आवाज सुनकर मैंने दरवाजा खोला मेरे दरवाजा खोलते ही सभी आरोपी मेरे घर जबरदस्ती अंदर घुस गये एवं मेरे व मेरी पत्नि एवं मेरे पुत्र देव उम्र 08 वर्ष एवं संस्कार उम्र 60 वर्ष के साथ मारपीट की व मुझे जबरदस्ती पकड़कर अपने साथ लेकर अपनी कार मारूती सुजुकी बलैनो जिसका वाहन क. एम.पी. 20 सी एल 5204 है के अंदर बंद कर दिया यह देख मेरी बीबी पीछे से आयी व मुझे कार से बाहर निकालने का प्रयास करने लगी, तभी जित्तु पटेल ने मेरी पत्नि से गलत नियत से पकड़ा व उसकी छाती में हाथ रखते हुए उसे मारा व धक्का देकर गिरा दिया जिससे उसके सिर के पीछे हिस्से में चोंट आयी है, मेरे गांव के रहने वाले सतीश पटेल, चंगू पटेल, शरद पटेल, आशीष पटेल, प्रमोद पटेल ने घटना को देखकर पास में आये एवं मुझे आरोपियों की कार से बाहर निकाला।उपरोक्त सारी जानकारी मेरे द्वारा संबंधित चौकी में दी गई परन्तु चौकी प्रभारी द्वारा पीड़ित व पीड़ित की पत्नि के बताये अनुसार न ही रिपोर्ट लिखी और न ही उनके बयान लिखे।अब ऐसे में पीड़ित खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है, पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए सभी आरोपीगण के ऊपर उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

 


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