ऑपरेशन के बाद बरामदे में कांपती रहीं महिलाएं, निजी वाहन कर जाना पड़ा घर

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कटनी/स्लीमनाबाद (सुग्रीव यादव ): प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद मैं मंगलवार को नसबंदी शिविर आयोजित किया गया।जिसमे 37 नसबंदी ऑपरेशन हुए।जिसमे बड़ी लाफ़रवाही देखने को मिली।शिविर में नसबंदी के बाद महिलाओं को पलंग उपलब्ध नही हो पाए।जिस कारण उन्हें बरामद में लेटा दिया गया। पर्याप्त रजाई गद्दे न होने से वे यहां ठंड से कांपती रहीं। इसके बाद देर शाम कुछ को अस्पताल प्रबंधन ने तो घर भिजवाने 108 एम्बुलेंस वाहन की व्यवस्था करा दी लेकिन कुछ को तो निजी वाहन कर घर जाना पड़ा।
हैरान करने वाली बात ये है कि हद दर्जे की इस लापरवाही पर जब स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों का पक्ष जानने के लिए कॉल किया गया तो वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।

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ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त कपड़े भी नहीं-

शिविर में मैदानी अमले के कहने पर 39 महिलाएं नसबंदी के लिए पहुंची थीं। जिसमे 37 का जांच उपरांत पात्र पाया गया।
लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को अस्पताल की फर्श पर दरी व गद्दे बिछाकर लेटा दिया गया। एक कमरे में दर्जनभर से अधिक महिलाएं लेटी थीं। महिलाएं ठंड से कंपकपाती नजर आईं। वहीं ऑपरेशन के एक घंटे बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। जिससे मीलों दूर स्थित अपने घर जाने के लिए उनके परिजनों को वाहन तलाशना पड़ा।वही दिनभर महिलाओं को परेशान होना पड़ा।मंगलवार को सुबह 10 बजे से ही महिलाएं अस्पताल पहुँच गई थी।दोपहर 3 बजे जबलपुर से डॉ पंकज ग्रोवर आये तब जाकर नसबंदी ऑपरेशन शिविर शुरू हुआ।
उल्लेखनीय है कि नसबंदी के लिए महिलाओं को तैयार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला काफी मशक्कत करता है। उन्हें तरह-तरह से लालच दिया जाता है। लेकिन ऑपरेशन के बाद कोई पूंछने तक नहीं आता।

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बजट डकारने का प्रयास-

जानकार बताते हैं कि नसबंदी शिविर तक हितग्राही को लाने व आपरेशन के बाद वापस घर तक छोडऩे के लिए वाहन व्यवस्था के लिए शासन की ओर से बजट उपलब्ध कराया जाता है। ये पूरा बजट प्रति हितग्राही के हिसाब से प्रत्येक वर्ष आहरित भी कर लिया जाता है।
लेकिन हितग्राहियों को घर तक छोडऩे के लिए विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जाती। हितग्राही स्वयं की व्यवस्था से ही घर तक वापस जाते हैं। जानकार बताते हैं कि इस बजट में लंबे अर्से से खेल चल रहा है।यदि इसकी पड़ताल की जाए तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।
इस संबंध मे स्लीमनाबाद अस्पताल मे पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवम दुबे का कहना था कि अस्पताल मे मात्र 6 पलंग की व्यवस्था है।
इस कारण शेष महिलाओं को दरी व गद्दे उपलब्ध कराए गये।
सामुदायिक स्वास्थ्य का संचालन शुरू हो जाने से व्यवस्था पूर्ण हो जाएगी।

इनका कहना है- प्रदीप मिश्रा एसडीएम

महिला नसबंदी शिविर मैं यदि इस प्रकार की लाफ़रवाही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बरती जा रही है तो यह गलत है।
आगामी शिविरों मैं इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए बीएमओ को सख्त निर्देश दिए जाएंगे व नसबंदी शिविरों का निरीक्षण भी किया जाएगा।

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