खरीदी से संबंधित मिलने वाली शिकायतों पर तत्काल करें कार्यवाही,अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह
जबलपुर, एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्रों का अकस्मिक निरीक्षण करें और प्रतिदिन खरीदी की समीक्षा भी करें। जहां भी गड़बड़ी की शिकयतें मिले तत्काल कार्यवाही करें। किसानों को खरीदी केन्द्रों पर किसी भी तरह की परेशानी न हो, खरीदी के लिए उन्हें लम्बा इंतजार न करना पड़े इस पर भी विशेष ध्यान दें। ये निर्देश आज शुक्रवार की शाम कलेक्टर कार्यालय में आयोजित धान उपार्जन की समीक्षा बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह ने जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ सभी एसडीएम को दिये।
अपर कलेक्टर ने बैठक में कहा कि एसडीएम न केवल खुद खरीदी केन्द्रों का नियमित रूप से भ्रमण करें बल्कि तहसीलदारों को भी निरीक्षण के लिये भेजें। उन्होनें कहा कि किसानों से धान उपार्जन राजस्व अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखना होगा। राजस्व अधिकारियों को देखना होगा कि धान खरीदी की मात्रा और परिवहन में अंतर न हो। पर्ची जारी हो जाने के बाद किसानों की धान की समय पर तुलाई हो और पोर्टल पर भी ऑनलाइन एंट्री हो। खरीदी केन्द्र गोदाम स्तर पर ही स्थापित किये गये है, इसलिये परिवाहन में किसी भी सूरत में विलम्ब नहीं होना चाहिये। एसडीएम को स्वीकृत पत्र और ईपीओ जारी होने से लेकर किसानों को समय पर भुगतान हो जाये इस पर भी नजर रखनी होगी।
अपर कलेक्टर ने बैठक में कहा कि एसडीएम और तहसीलदारों को निरीक्षण के दौरान इस ओर विशेष ध्यान देना होगा कि खरीदी हो जाने के बाद धान बाहर न रखी रहे। उन्होनें कहा कि एसडीएम प्रतिदिन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों से खरीदी की रिपोर्ट लें और जहां भी खरीदी और परिवहन की मात्रा में बहुत अंतर दिखाई दे उन केन्द्रों पर धान की आवक से लेकर पर्चियां काटने, तुलाई होने और स्वीकृति पत्र जारी किये जाने तक की प्रक्रिया का स्वयं परीक्षण करें।
अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह ने स्पष्ट किया कि किसानों की आड़ में बिचौलिये उपार्जन व्यवस्था का अनुपस्थित लाभ न उठा पायें, इस पर एसडीएम और तहसीलदारों को विशेष ध्यान देना होगा। इस तरह की मिलने वाली प्रत्येक शिकायत पर तत्काल और कठोर कार्यवाही करनी होगी। खरीदी केन्द्रों पर सर्वेयर ठीक से सर्वे कर रहें हैं या नहीं, धान की तुलाई सही हो रही है या नहीं, इस पर भी एसडीएम को नजर रखनी होगी। उन्होनें सभी एसडीएम से कहा कि उन स्थानों पर किसी भी हालत में अभी धान की खरीदी प्रारंभ न हो जहां केन्द्र बनाया जाना प्रस्तावित है। केन्द्र विधिवत स्थापित हो जाने के बाद ही ऐसे स्थानों पर खरीदी प्रारंभ की जाये।
धान उपार्जन की समीक्षा बैठक में बताया गया कि जिले में अभी तक 23 हजार 544 किसानों द्वारा स्लॉट बुक कराये गये हैं और 10 हजार 755 किसानों से 1 लाख 28 हजार 629 मैट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। खरीदे गये धान की इस मात्रा में से 75 हजार 704 मैट्रिक टन का परिवहन हो चुका है तथा परिवहन की गई धान की मात्रा के 68 हजार 454 मैट्रिक टन के स्वीकृति पत्रक जारी हो चुके है। खरीदी गई धान की एवज में अभी तक 107 करोड़ रूपये का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है। बैठक में अपर कलेक्टर नाथूराम गौंड तथा उपार्जन व्यवस्था से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।