वेकोलि के रिटायर्ड कर्मचारी से 73 लाख की साइबर ठगी का प्रयास,बैतूल पुलिस ने किया विफल,चार दिन रहे डिजिटल अरेस्ट 

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राजेश मदान बैतूल। साइबर ठगों द्वारा वेकोलि के रिटायर्ड कर्मचारी को चार दिन तक डिजीटल अरेस्ट रखकर 73 लाख की लूट का असफल प्रयास किया गया जो बैतूल पुलिस की तत्परता और विशेष सतर्कता से टल गया। ठगों ने 27 मोबाइल नंबरों का उपयोग किया। सभी सिम असम से ली गई थीं।बैतूल एसपी वीरेंद्र जैन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा में कार्य कर चुके चैतराम नरवरे (64 वर्ष) जो वर्तमान में अशोका गार्डन भोपाल में रह रहे है उन्हें साइबर ठगों ने 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट रखते हुए 73 लाख रुपये की राशि ठगने की पूरी तैयारी कर ली थी।किंतु पीड़ित के बेटे और उसके मौसेरे भाईं विपेंद्र मारवाड़ी की सतर्कता और सूझबूझ से उनका प्रयास असफल हो गया। बेटे ने शंका होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही बैतूल बाजार टीआई अंजना धुर्वे और पाथाखेड़ा चौकी प्रभारी मनोज कुमार उइके ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ठगों की कोशिश को नाकाम कर दिया।

ईडी-सीबीआई के अफसर बनकर धमका रहे थे

एसपी श्री जैन ने बताया कि इस मामले में 1 दिसंबर को सूचना प्राप्त हुई थी कि राजेश गेस्ट हाउस बगडोना में एक व्यक्ति को साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट करके धमकाया जा रहा है। ठग वीडियो कॉल के माध्यम से स्वयं को ईडी व सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित को गलत लेन-देन के झूठे आरोप में डरा रहे थे और मामले को दबाने के नाम पर बड़ी रकम की मांग कर रहे थे।

भोपाल से प्राइवेट वाहन से आए पीड़ित चैतराम नरवरे

सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने के डर से ठगों के कहने पर प्राइवेट कैब करके पाथाखेड़ा आए थे। ठगों ने उन्हें होटल में रुकवाया और परिवार व अन्य परिचितों से भी संपर्क करने से रोक दिया। आरोपी यह कहकर धमका रहे थे कि उनका मुंबई के केनरा बैंक में खाता है। इस खाते से पुलवामा आतंकी हमले और दिल्ली ब्लास्ट के लिए फंडिंग हुई है। इसलिए उन पर देशद्रोह का मामला चलाया जाएगा। उनकी सारी प्रॉपर्टी सीज करने की धमकी भी दी गई। इससे बचने वे तगड़ी रकम की मांग कर रहे थे।

लाखों की एफडी भी तुड़वा ली थी

इन सबसे बचने के लिए डरे सहमे श्री नरवरे ने अपनी 71 लाख की एफडी तुड़वा कर राशि अपने करंट एकाउंट में ले ली थी। करंट खाते में पहले से ही 2.75 लाख रुपये थे। यह राशि ट्रांसफर करने के लिए वे बैंक से आरटीजीएस फॉर्म तक साथ में ले आए थे। उसी बीच चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा उप निरीक्षक मनोज कुमार उइके, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह टेकाम, आरक्षक रवि मोहन, आरक्षक राकेश करपे तथा सैनिक सुभाष की टीम राजेश गेस्ट हाउस पहुँची।

पुलिस ने पीड़ित को हॉटल से सुरक्षित बाहर निकाला

पुलिस टीम ने पीड़ित को सुरक्षित बाहर निकालकर विस्तार से बात की। पीड़ित मानसिक रूप से सदमे की हालत में था और डर के कारण कुछ भी बता पाने में असमर्थ था। पीड़ित को चौकी लाकर पूरी घटना का विवरण लेकर उनके परिजनों से संपर्क किया गया। इस दौरान थाना प्रभारी बैतूल बाजार अंजना धुर्वे ने भी पीड़ित के बड़े भाई से संपर्क कर परिजनों को पुलिस चौकी पाथाखेड़ा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बेटे को हुआ इस तरह संदेह

श्री नरवरे घर से शादी में शाहपुर जाने का कहकर निकले थे लेकिन वें वहां पहुंचे ही नहीं थे। सामान्य रूप से परिवार से बात भी नहीं कर पा रहे थे। बेटे ने कॉल किया तो एक बार अचानक श्री नरवरे के मुंह से निकल गया कि मैं किसी को पैसा नहीं दूंगा। ऐसा वे कभी कहते नहीं थे। वहीं से उसे संदेह हुआ और उसने अपने मौसेरे भाई विपेंद्र को इस बारे में सूचना दी। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

सब इंस्पेक्टर से बोला ठग- आप बिना एफआईआर के कैसे यहां पहुंचे

सूचना मिलने पर जब चौकी प्रभारी श्री उइके गेस्ट हाउस पहुंचे तो श्री नरवरे की साइबर ठगों से बात चल ही रही थी। श्री उइके ने जब मोबाइल लेकर बात शुरू की और परिचय दिया तो शातिर साइबर ठग उनसे ही कह उठा कि तुम बिना एफआईआर के यहां कैसे पहुंच गए। यही नहीं उसने चौकी प्रभारी को वर्दी उतारने तक की धमकी भी दे डाली। इस तरह बैतूल पुलिस को मिली सूचना पर तत्काल कार्रवाई से 73 लाख की साइबर ठगी का प्रयास नाकाम कर दिया गया।

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