अंबर मैं बिखरेगी सतरंगी छठा, जगमगाएंगे घर आँगन ओर मंदिर

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :, रोशनी का महापर्व दीवाली सोमवार को समूचे बहोरीबंद विकासखंड मे धूमधाम से मनाया जायेगा!दीपावली पर दीपो की रोशनी से घर -आँगन जगमगाएंगे, अंबर मैं सतरंगी छठा बिखरेगी!दीपोत्सव पर्व को लेकर रविवार को बाजार मैं पूजन सामग्री, घरों की सजावट सामग्री, रंगोली, मिठाई गिफ्ट आदि खरीदने सुबह से देर रात तक बाजार गुलजार रहा!लोगों ने कपड़ो ओर अन्य सामग्री की भी खरीददारी की!स्लीमनाबाद तहसील मुख्यालय मैं मुख्य बाजार, बहोरीबंद चौराहा व मुख्य तिराहा मैं सुबह से लेकर देर रात तक बाजार गुलजार रहा!दीपावली खरीददारी के साथ सराफा, इलेक्ट्रीनिक,कपड़े व वाहनों की भी खरीददारी की गईं!भीड़ के चलते आवागमन बाधित न हो इसके लिए स्लीमनाबाद पुलिस तैनात रही!

परीवा पर होगी विशेष पूजा व दीवाली नृत्य 

दीपोत्सव पर्व के अगलें दिन परीवा तिथि पर गोवर्धन पूजा होगी!इसके अलावा दीवाली की रात ग्वाल टोलियो के द्वारा लोगों की सुरक्षा व गौवंश की रक्षा के लिए गौरईया बाबा का पूजन कर घर -घर जाकर लोगों को जगाने का काम किया जायेगा!साथ ही ग्वाल टोलियां पारम्परिक आकर्षक वेशभूषा मैं दीवारी नृत्य करेंगे!

आस्था के साथ मनी रूप चतुर्दशी 

धनतेरस के दूसरे दिन रविवार को रूप चतुर्दशी स्लीमनाबाद तहसील मे आस्था व उमंग के साथ मनाई गई!
कार्तिक व्रतधारी महिलाओं ने सूर्योदय से पहलें उठकर हल्दी, सरसो के तेल से उबटन तैयार कर उसका लेप शरीर मैं लगाकर स्नान किया व फिर सज संवरकर रसिक बिहारी जू मंदिर मैं पूजा अर्चना की व फिर दीपदान किया गया!

दीवाली का महत्व 

पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि दीवाली के दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या आये थे!इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीवाली मनाई जाती है!दीवाली पर माता लक्ष्मी ओर भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है!साथ ही भगवान राम के आने की ख़ुशी मे दीप जलाये जाते है!कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात मे महा लक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती है ओर विचरण करती है और अपने भक्तों को धनधान्य,  सुख-सम्पत्ति का वरदान देती हैं!इसलिए दिवाली की रात लोग मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं! करीब 100 साल बाद महालक्ष्मी राजयोग के योग दीवाली मनेगी!इस बार दिवाली पर पूजन के लिए पहला शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक,
दूसरा शुभ मुहूर्त (वृषभ काल)- शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 3 मिनट तक ओर तीसरा शुभ सर्वोच्च मुहूर्त शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक! इस दौरान लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा!

 

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