
त्यौहार के पूर्व खाद्य अधिकारियों ने मावा,मिठाइयों और नमकीन के लिए सैंपल
जबलपुर,वैसे तो हर माह ही हिन्दू धर्म मे कोई न कोई त्योहार होते ही हैं ,लेकिन हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली नजदीक है,तो वहीँ अक्सर देखा जाता है की खाद्य अधिकारी ज्यादातर त्योहारों के कुछ दिन पूर्व ही सक्रिय होते हैं और त्यौहार खत्म होते ही निष्क्रिय हो जाते हैं,अब ऐसे में सवाल उठता है की क्या सिर्फ त्योहारों में ही मिठाई की बिक्री होती है?क्या इनकी नियमित और समय -समय जांच होना जरूरी नहीं है ?
कलेक्टर के आदेश पर जांच
कलेक्टर राघवेन्द्र सिह के द्वारा दीपावली पर्व के अवसर पर बाजार में विक्रय के लिए उपलब्ध होने वाले मावा, मिठाइयों तथा नमकीन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निरीक्षण तथा नमूना संग्रहण के निर्देश खाद्य सुरक्षा प्रशासन को दिये गये हैं। निर्देश के पालन में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जिले में मावा विकय केन्द्रों, मिष्ठान्न तथा नमकीन निर्माण/विकय संस्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान तिलहरी स्थित श्री बीकानेर मिष्ठान्न भण्डार से मावा तथा बेसन लड्डू सालीवाड़ा स्थित अन्नपूर्णा स्वीट्स से बूंदी लडडू तथा नमकीन, नौदरा ब्रिज स्थित हीरा स्वीट्स से गुलाबजामुन तथा छैना रसगुल्ला, गोरखपुर स्थित आरती स्वीट्स से आटा लड्डू तथा नमकीन सेव, राज स्वीट्स से मगज लड्डू तथा नमकीन, विनोद किराना स्टोर से हल्दी पाउड़र तथा नमकीन, होम साइंस कॉलेज रोड़ स्थित सुरेश एण्ड संस से मावा लड्डू तथा काजू सेव, कटंगी रोड़ स्थित बड़कुल स्वीट्स से मावा कतली तथा बेसन लड्डू, शुभांश स्वीट्स से मावा बर्फी तथा नमकीन, धनगवां स्थित मां होटल एवं स्वीट्स से नमकीन, धनवंतरीनगर स्थित आनंदम स्वीट्स से खोवा बर्फी तथा पेड़ा के नमूने लिये गये।
स्वच्छता बनाये रखने के निर्देश और समझाइश
खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि निरीक्षण के दौरान खाद्य कारोबार कर्ताओं को निर्माण केन्द्रों में स्वच्छता बनाये रखने के निर्देश तथा समझाइश दी जा रही है जिससे स्वच्छ परिस्थितियों में बनी मिठाइयां तथा नमकीन उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सके ।साथ ही कहा कि अभिहित अधिकारी डॉ संजय मिश्रा के निर्देशानुसार लिये गये नमूनों को जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल प्रेषित किया गया है। अमानक पाये जाने पर संबंधित खाद्य कारोबारियों के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत प्रकरण सक्षम न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा ।
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