मझौली के कृषक दिनकर राय के जैविक खेत का कृषि अधिकारियों ने किया अवलोकन

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जबलपुर, गन्ने की पत्तियों का प्रबंधन कर (लीफ ट्रेस मैनेजमेंट) जैविक खेती कर रहे जिले के मझौली विकासखण्ड के ग्राम खबरा के प्रगतिशील कृषक दिनकर राय के कृषि फार्म का आज मंगलवार को कृषि अधिकारियों ने अवलोकन किया । कृषक श्री दिनकर राय ने जैविक खेती के प्रमाणीकरण के नवीनीकरण के लिये आवेदन किया था। उनके जैविक खेत का अवलोकन करने पहुँचे कृषि अधिकारियों में उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम, जैविक निरीक्षक सह अनुविभागीय अधिकारी कृषि पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी एवं मझौली के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी आर एल मिश्रा शामिल थे।उप संचालक कृषि डॉ निगम ने बताया कि प्रगतिशील कृषक दिनकर राय वर्ष 2016 से जैविक खेती कर रहे हैं। उन्होंने 2016 में 10 एकड़ खेत में जैविक गन्ना लगाकर मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्थान से जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त कर इसकी शुरुआत की थी। अब वे 27 एकड़ क्षेत्र में गन्ना, अरहर, चिया एवं किनोवा फसलें जैविक विधि से ले रहे हैं साथ ही उनकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग भी कर रहे हैं।उप संचालक कृषि ने बताया कि श्री राय अब मात्र लीफ ट्रेस मैनेजमेंट के माध्यम से फसल ले रहे हैं। इससे उनकी जमीन इतनी उपजाऊ हो गई है कि अब किसी भी तरह के रसायन की आवश्यकता नहीं पड़ती और फसल पूर्णतया स्वस्थ होती है। किसी भी तरह की बीमारी एवं कीटों का प्रकोप भी नहीं होता है।उप संचालक कृषि के मुताबिक श्री राय गन्ने की सीओ 12009, सीओ 8005, सीओ 261 एवं 86032, किस्मों का उपयोग करते हैं। वे अपने खेत पर ही गुड़ की भट्टी लगाते हैं तथा गुड़ की कैंडी एवं पाउडर तैयार करते हैं। यह नेचुरल एलिमेंट्स के नाम से अमेजॉन एवं अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। उन्हें गुड़ की कैंडी 250 रुपए प्रति किलो एवं गुड पाउडर  220 रुपए प्रति किलो की कीमत प्राप्त हो रही है । इसी प्रकार उनके द्वारा उत्पादित चिया 1100 रुपये प्रति किलो एवं किनोवा 480 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है।डॉ निगम ने बताया कि गुड का अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए श्री राय मकर संक्रांति के बाद ही गुड़ बनाना शुरू करते हैं और अब गुड-मूंगफली की चिक्की बनाना भी शुरू कर रहे हैं। वे प्रत्येक दो वर्ष बाद गन्ना बदल देते हैं एवं बीज के रूप में गन्ने के ऊपर का भाग का उपयोग करते हैं। इससे  शत-प्रतिशत अंकुरण होने के साथ ही गन्ने के ऊपरी भाग का उपयोग भी हो जाता है।

 

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