बाल विवाह है एक गंभीर सामाजिक बुराई, समाज मे फैली इस कुप्रथा को करना है दूर

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना बहोरीबंद अंतर्गत मसंधा मे मंगलवार को बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया!परियोजना अधिकारी सतीश पटेल ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है!समाज मे इस कुप्रथा का स्वरूप भयावह है!इसलिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा ओर बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करना है!
लडके व लड़कियो का सही उम्र मे ही विवाह कराये!
लडके की उम्र 21 वर्ष ओर लड़की की उम्र 18 वर्ष हो जाये तभी विवाह करें!बाल विवाह की रोकथाम अधिनियम 2006 की धारा 9,10,11एवं 13 के तहत बाल विवाह कराने, सहयोग देने वाले व्यक्ति, व्यक्तियों सामाजिक संगठन के लिए दो वर्ष तक का कारावास अथवा एक लाख रूपये का जुर्माना लगेगा!महिला एवं बाल विकास द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल बनाया गया है!यह पोर्टल एक ऐसा अभिनव ऑनलाइन प्लेटफार्म है!जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने ओर अन्य जानकारी प्रदान करने मे सक्षम बनाता है!इस अवसर पर बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक ग्राम भ्रमण रैली भी निकाली गई! जिसमें किशोर-किशोरियों ने हाथों में संदेशात्मक पोस्टर लेकर बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति ग्रामवासियों को जागरूक किया। रैली उपरांत सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह न करने और न होने देने की सामूहिक शपथ दिलाई गई।

स्वच्छता, स्वास्थ्य के बतलाये गये फायदे

वहीं पर्यवेक्षक स्वाति दुबे के द्वारा स्वच्छता,  स्वास्थ्य के फायदे के प्रति जागरूक किया।कार्यक्रम मे उपस्थित महिलाओं से पोषण चर्चा, आयरन का महत्व व धात्री महिलाओ से बच्चें के स्तनपान पर चर्चा की!पर्यवेक्षक ने कहा कि बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए नियमित पोषक तत्व खाने चाहिए। इससे बच्चा स्वस्थ और रोगों से दूर रहेगा। इसलिए खाने में प्रतिदिन पोषक तत्व घर में जरूर खिलाएं।महिलाओं को उनके बच्चों की वृद्धि ,निगरानी और विकास के बारे में समझाया गया!महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य देखभाल को लेकर उपस्थित महिलाओं को जानकारी दी।इस दौरान सरपंच कृपाल सिंह,गंगाराम चौधरी सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरस्वती पटेल, सुषमा पटेल,सहायिका कमलेश बाई सहित बड़ी संख्या लोगों की उपस्थिति रही!

 

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