जीवन बचाना ओर मानवीय गरिमा को बनाये रखना ही मानवीय सहयता का है मुख्य उद्देश्य

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : विश्व मानवतावादी दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मै कार्यशाला आयोजित हुई!भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के अंतर्गत एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित हुआ!प्राचार्या डॉ सरिता पांडेय ने विश्व मानवतावादी दिवस पर मानवतावाद शब्द का सम्पूर्ण अर्थ समझाया!कहा कि यह उन लोगो को सम्मानित करने का समय है जो दूसरों की मदद करने के लिए संकट मै आगे आते है, ओर उन लाखों लोगो के साथ खडे होते है जिनका जीवन संकट मै है!मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता ओर स्वतंत्रता के सिद्धांत मानवीय कार्यों के मूल हैं। मानवता का अर्थ है कि मानवीय पीड़ा जहाँ कहीं भी हो, उसका समाधान किया जाना चाहिए, और सबसे कमज़ोर लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
मानवीय सहायता, ज़रूरतमंद लोगों को आमतौर पर अल्पकालिक भौतिक और रसद सहायता प्रदान करना है। ज़रूरतमंद लोगों में बेघर, शरणार्थी, प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों और अकाल के शिकार लोग शामिल हैं। मानवीय सहायता का मुख्य उद्देश्य जीवन बचाना, पीड़ा कम करना ओर मानवीय गरिमा बनाये रखना है।लेकिन आज के परिपेक्ष मै मनुष्य जब बहुत ही भौतिकतावादी युग मै रह रहा है!तब ओर अधिक प्रासंगिक हो गया है मानवतावादी व्यक्ति का होना!
वहीं अतिथि विद्दान समाजशास्त्र मनोरमा चौधरी ने भी छात्राओं को मानवतावाद का गहन अर्थ समझाया!कहा कि मानवतावाद जीवन का एक प्रगतिशील दर्शन है, जो अलौकिकता के बिना, मानवता की व्यापक भलाई की आकांक्षा रखते हुए व्यक्तिगत पूर्णता के साथ नैतिक जीवन जीने की हमारी क्षमता और जिम्मेदारी की पुष्टि करता है।इस दौरान प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीत नेगी, डॉ प्रीति यादव, डॉ भारती यादव,डॉ भरत तिवारी,डॉ बालेंद्र सिंह, डॉ राजेश कुशवाहा, डॉ पूनम पांडे, डॉ सपना द्विवेदी, आशुतोष सोनी,सत्येंद्र सोनी, कमलेश चौधरी सहित महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही!

 


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