देशभक्ति का दिया संदेश,राष्ट्रप्रेम ओर स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाने का लिया संकल्प

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां शुरू हो गई। इस बार भी हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता, स्वतंत्रता का उत्सव स्वच्छता के संग थीम पर राष्ट्रीय पर्व का अभियान चलेगा!अभियान के तहत स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मे रंगोली निर्माण एवं तिरंगा राखी निर्माण प्रतियोगिता आयोजित की गई।

प्रतिभागियों ने पर्यावरण बचाने रंगोली से भरे रंग

रंगोली प्रतियोगिता में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई रंगोलियाें में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण जैसे सामाजिक सरोकारों पर विशेष ध्यान दिया। शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य किया।प्रतिभागी बच्चों ने भारतीय सैनिकों के सम्मान में तिरंगे रंगों से सजी सुंदर राखियों का निर्माण किया। इन राखियों के माध्यम से बच्चों ने देश के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का भाव प्रकट किया।
यह कार्यक्रम देशभक्ति, सामाजिक जागरूकता और रचनात्मक अभिव्यक्ति का प्रेरणादायी उदाहरण रहा!
साथ ही  स्वच्छता एवं राष्ट्रप्रेम को जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।रंगोली प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान पूनम नामदेव, दूसरा स्थान संजना लोधी, तीसरा स्थान कंचन बर्मन ने हासिल किया!

झंडा संहिता की दी गईं जानकारियां

अभियान प्रभारी डॉ प्रीति यादव के द्वारा भारतीय झंडा संहिता के विषय पर व्याख्यान दिया!कहा कि भारतीय झंडा संहिता, 2002, राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन, फहराने और उपयोग से संबंधित नियमों और विनियमों का एक संकलन है। यह संहिता, राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है। जिसके तहत झंडे को हमेशा सम्मानजनक और अलग स्थान पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।झंडे को सूर्योदय के बाद फहराया जाना चाहिए और सूर्यास्त से पहले उतारा जाना चाहिए।झंडे का उपयोग किसी भी प्रकार के विज्ञापन या सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए। झंडे का अपमान करने या उसका दुरुपयोग करने पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। झंडे को हमेशा सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होगा और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा।झंडा तीन रंगों का होगा – केसरिया, सफेद और हरा। झंडे के केंद्र में अशोक चक्र होगा, जो धर्म और न्याय का प्रतीक है।भारतीय झंडा संहिता, 2002, का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बनाए रखना और नागरिकों को इसके उपयोग के बारे में शिक्षित करना है।
इस दौरान प्राचार्या डॉ सरिता पांडेय, डॉ किरण खरादी, डॉ प्रीत नेगी, डॉ शैलेन्द्र जाट, डॉ अशोक पटेल,डॉ भारती यादव,अनिल शाक्य, अंजना पांडेय सहित महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही!

 


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