न्यायिक एवं गैर न्यायिक विभाजन को लेकर अड़े राजस्व अधिकारी,हड़ताल का हो रहा व्यापक असर, कामकाज प्रभावित
कटनी– संवर्ग का न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के विरोध मे तहसीलदारों का विरोध बढ़ता जा रहा है. गुरुवार की दोपहर कटनी कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को पटवारियों ने अपना समर्थन दिया एवं तहसीलदारों की मांगो को जायज ठहराया!कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के जिला अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने बताया कि राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक दो वर्गों में विभाजन के निर्देशों एवं उनके क्रियान्वयन से संपूर्ण संवर्ग हतोत्साहित है। विभाजन-योजना से उत्पन्न होने वाली संरचनात्मक, विधिक और व्यावहारिक समस्याओं से इसके पूर्व भी अवगत कराया जा चुका है।किन्तु मौखिक आश्वासन पर कि आगामी तीन माह तक यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मात्र 12 जिलों में ही लागू की जाएगी, राजस्व न्यायालयों को मर्ज नहीं किया जाएगा एवं गैर-न्यायिक (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) को आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे जिस कारण संवर्ग ने अपना विरोध पत्र दिनांक 20 जुलाई को स्थगित कर दिया था।किन्तु उक्त आश्वासन के विपरीत विभाजन की योजना अन्य 09 जिलों (धार, भिंड, खरगौन, बालाघाट, मंदसौर, देवास, कटनी, मंडला, रीवा) में जिला कलेक्टर द्वारा लागू की गई एवं राजस्व न्यायालयों को मर्ज किया गया.जो की निर्देशों के विपरीत और विचलन में विभाजन दिया गया. आगे यह भी बताया गया कि गैर-न्यायिक (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) राजस्व अधिकारियों को आवश्यक न्यूनतम स्टाफ और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए। जिससे व्यथित होकर संवर्ग द्वारा प्रदेश के राजस्व मंत्री को ज्ञापन दिनांक 26 जुलाई 2025 के जरिए उक्त संरचनात्मक, विधिक और व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया गया.उसके बाद राजस्व मंत्री ने भी संवर्ग द्वारा उठाए गए समस्त बिंदुओं से सहमति व्यक्त करते हुए त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया था, किन्तु उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जिला इकाइयों ने प्रांतीय कार्यकारिणी की आपात बैठक आयोजित की गयी जिसके अनुक्रम में दिनांक 03 अगस्त को गूगल-मीट के माध्यम 45 जिलों के जिला अध्यक्षों/प्रभारियों/प्रतिनिधियों ने लगभग ढाई घंटे चली बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए जिसमे संवर्ग में विभाजन की योजना के पूर्ण रूप से वापस नहीं तक समस्त राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यों को छोड़कर समस्त कार्यों से विरत रहते हुए जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहेंगे। कोई भी सामूहिक अवकाश हड़ताल पर नहीं जाएगा बल्कि सभी राजस्व अधिकारी जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे।साथ ही संवर्ग के विभाजन का मुख्य आधार कार्यपालिक दंडाधिकारी के कार्यों का निर्वहन रखा गया है, जिसके आधार पर संवर्ग के 45% अधिकारियों को उनके मूल कार्य (राजस्व) से पृथक किया जा रहा है,संपूर्ण संवर्ग दिनांक 6 अगस्त से जिला मुख्यालयों में उपस्थित रहकर आपदा प्रबंधन के कार्यों को छोड़कर समस्त कार्यों से विरत है।अधिकारी अपने शासकीय वाहन जिलों में जमा करा दिए है एवं अपने डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल सीलबंद कर एकत्र कर जिला अध्यक्ष को सौंपेंगे। साथ ही जिलों के आधिकारिक वाट्सअप ग्रुप भी छोड़ेंगे एवं रोजाना शाम के जिले की स्थापना शाखा में संयुक्त उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति प्रस्तुत करने कहा गया है।