जिला जेल के बंदी भाइयों को रक्षा सूत्र भेट कर रक्षा बंधन पर्व की शुरुआत की

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भगवानदीन साहू:छिंदवाड़ा. परम् पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू की पावन प्रेरणा से श्री योग वेदांत सेवा समिति की बहनें प्रतिवर्ष जिला जेल में निवासरत बंदी भाई और देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात सैनिकों को रक्षा सूत्र भेंट कर ही रक्षा बंधन पर्व मनाती है । इसी कड़ी में आज समिति की बहनों ने जिला जेल में निवासरत बंदी भाईयों को वैदिक रूप से रक्षा सूत्र बाँधकर रक्षा बंधन पर्व की शुरुआत की । इस अवसर पर पूज्य बापूजी की कृपा पात्र शिष्य साध्वी रेखा बहन का दिव्य सत्संग सम्पन्न हुआ ।

साध्वी बहन ने बताया कि मनुष्य के जीवन में तीन प्रकार की जेलें होती हैं । पहली माता के गर्भ की जेल दूसरी सरकार की जेल जहाँ आप रह रहे हो और तीसरी होती है कर्म बंधनों की जेल जिसमें से मनुष्य पहली और दूसरी जेल से रिहा हो जाता हैं पर तीसरी जेल कर्म बंधनो की जेल है। इससे रिहा होना बहुत मुश्किल है । यदि हमें कोई सद्गुरु मिल जाये या ईश्वरी रास्ता मिल जाये तो मनुष्य इससे मुक्त हो सकता है । वरना फिर 84 लाख योनियों के गर्भ की जेल में जाना पड़ता है । इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सोच समझ कर कर्म करना चाहिए । मन , कर्म और वाणी से किसी का भी अहित ना हो । हमारे शास्त्रों में वैदिक रक्षा बंधन का बड़ा महत्व है । देव लोक और अन्य लोको में भी रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है । बाजारों में जो राखी मिलती है उसे घर ले आये उसमे एक छोटे से कपड़े की पोटली बना लें जिसमें चावल , चंदन , दूर्वा , सरसों और केसर के कुछ दाने डालकर उस कपड़े को रक्षा सूत्र के साथ सिलाई कर लें। यह हो गई वैदिक रक्षा सूत्र इसमें भाई के जीवन में बरकत , उत्साह ,और स्वस्थ रहने का वरदान छुपा होता है । बहनों का अपनापन देखकर सभी बंदी भाइयों के अश्रु निकल आये । सभी बंदियों का वैदिक रूप से पूजन कर तिलक लगाकर , मुँह मीठा किया । जिला जेल अधीक्षक सहित सभी स्टाप को भी रक्षा सूत्र बांधकर वैदिक रूप से रक्षा बंधन पर्व मनाया । देश भर में लगभग 1300 जेल हैं जिसमें लगभग 6 लाख बंदी निवासरत हैं , वहीं 26 लाख सैनिक देश की सुरक्षा में लगे हैं उनकी भी कलाई सुनी न रह जाये इसलिए उनको भी रक्षा सूत्र प्रेषित करने की व्यवस्था की जा रही है । इस दैवीय कार्य में साध्वी प्रतिमा बहन ,दर्शना खट्टर , डॉ मीरा पराड़कर ,लिंगा महिला समिति की अध्यक्ष ललिता घोगें , प्रीति सोंनारे , रुपाली इंगले , मीरा गोधवानी ,माया कराडे , दया परसाई , दीपा डोडानी, सुधा ताम्रकार ,ज्योति कराडे ,पूजा माहोरे, विमल शेरके आदि ने अपनी-अपनी सेवाएं दी । समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई ने जिला जेल अधीक्षक प्रतीक जैन और समस्त स्टाप का आभार व्यक्त किया ।

 

 

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