
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दी जाएगी घर- घर दस्तक, बहोरीबंद विकासखंड मै दस्तक अभियान का हुआ आगाज
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण और उनमे होनी वाली बीमारियों की पहचान के लिए बहोरीबंद विकासखण्ड मैं दस्तक अभियान का आगाज मंगलवार से हुआ । दस्तक अभियान 16 सितंबर तक चलेगा।दस्तक अभियान के पहले दिवस अभियान के गठित दल मैं आगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका,आशा कार्यकर्ताओं ने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेते हुए स्वास्थ्य परीक्षण किया।बीपीएम डॉ अरुण शुक्ला ने बताया कि 45 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में विकासखण्ड का कोई बच्चा छूटने न पाए इसके लिए हर घर पर दस्तक दी जायेगी। कहीं किसी बच्चे में किसी भी प्रकार के रोग के लक्षण है तो उनके समुचित ईलाज का प्रबंध होगा।अभियान के लिए विकासखण्ड मैं 38 दल गठित किये गए ।प्रत्येक दल मैं 5 -5 सदस्य है।कार्यक्रम की सतत मॉनिटरिंग भी की जा रही है।दस्तक टीम के दल ने घर वालो को भी परामर्श दिया कि यह एक महत्वपूर्ण अभियान है जिसके माध्यम से हम न सिर्फ बच्चों में होने बाली बिमारियों को समय पर पहचान कर बच्चों की मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं साथ ही विटामिन-ए व आयरन सिरप के माध्यम से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संभावित खतरों से उनको सुरक्षित रख सकते हैं।
इस बार अभियान मे बदलाव किया गया है जिसके चलते मंगलवार ओर शुक्रवार को टीकाकरण स्थल पर अभियान के तहत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा!
यदि कोई बच्चा छूट जाता है तो फिर उसके दूसरे दिवस उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा! ऐसे गाँव या मजरे टोले जहाँ स्वास्थ्य परीक्षण केंद्रों मे बच्चें नहीं आ सकते है तो फिर दल उस गाँव, मजरे या टोला मे जाकर घर-घर दस्तक देगा!बीएमओ डॉ आनंद अहिरवार ने कहा कि दस्तक अभियान एक महत्वपूर्ण अभियान है!इस अभियान में विकासखण्ड का कोई बच्चा छूटने न पाए। कहीं किसी बच्चे में किसी भी प्रकार के रोग के लक्षण है तो उनके समुचित ईलाज का प्रबंध रहेगा।अभियान के माध्यम से हम न सिर्फ बच्चों में होने बाली बिमारियों को समय पर पहचान कर बच्चों की मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं साथ ही विटामिन-ए व आयरन सिरप के माध्यम से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना के संभावित खतरों से उनको सुरक्षित रख सकते हैं।
बच्चो में पाई जाने वाली प्रमुख बिमारियों जैसे निमोनिया, कुपोषण, दस्त, अनीमिया, जन्मजात विकृत की सक्रिय स्क्रीनिंग कर समस्त 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन की खुराक स्वयं एएनएम या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पिलाई जाएगी। साथ ही खान पान की सलाह से डिस्चार्ज बच्चों का फालोअप, टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें टीकाकरण अभियान से जोडा जाएगा। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान में एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की स्क्रीनिंग करते समय उसकी रैकिंग निकालेंगी, जो बच्चे चिन्हित बीमारियों से ग्रसित होंगे, उन्हें चिन्हित कर उनकी सूची बनाये।
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