
जबलपुर के कुंडम डबरा में जले हजारों बास के पौधों का जिम्मेदार कौन ?वृक्षारोपण के दौरान हुए भ्रष्टाचार के भस्मासुर पर कब होगी कार्यवाही ?
जबलपुर :एम पी अजब है जबलपुर जिले के कुंडम वन परिक्षेत्र में तीन साल पहले हुए प्लांटेशन में लगाये गए हजारों बास के पौधे गर्मी के समय जंगल मे लगी आग में जलकर खाख हो गए थे।इस मामले में स्थानीय वन अमले की भूमिका भी सन्धिग नजर आ ही है,लेकिन आज तक इतने बड़े मामले की भनक तक वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नहीँ लगी या फिर जानकार भी अनजान बनने का नाटक कर रहे है।
क्यों नहीँ करवाई निदाई ?
सूत्रों की मानें तो वन परिक्षेत्र सामान्य के कक्ष क्रमांक rf312 में हुए वृक्षारोपण के दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ है,आरोप है की वृक्षारोपण के बाद विभाग द्वारा निदाई नहीं करवाई गई जिसके चलते बास के पौधों से बड़ा कचरा पूरे क्षेत्र में हो गया और गर्मी के समय कचड़ा में लगी आग की चपेट में आकर हजारों बास के पौधे जलकर स्वाहा हो गए।बताया तो यह भी जा रहा है की यहां पर न तो सुरक्षा कर्मी लगाए गए थे न ही यहां पर गेट न ही ज्यादातर हिस्से में तार लगाई गई इतना ही नहीं अधिकारियों द्वारा सरकार के करोड़ों रुपये के वृक्षारोपण की अच्छे से देखभाल भी नहीँ की गईं।नतीजन आज वहां पर 12हजार 500 बास के पौधे में से ज्यादा से ज्यादा दो चार सौ पौधे ही बचे होंगे।लेकिन आला अधिकारियों को न तो इस अग्निकांड की जानकारी दी गई न ही अधिकारियों ने कभी इस क्षेत्र का जायजा लिया ।
यह है मामला
सूत्रों की मानें तो वन परिक्षेत्र कुंडम की (सामान्यो)की वृत्त में मनेरा के अंतर्गत आने वाली डबरा वीट के कक्ष क्रं. RF312 में वर्ष 2020-21 में मनरेगा मद से हुए बॉस के वृक्षारोपण जो कि 20-20 हे. के दो प्लांटेशन में लगाये गए थे ,लेकिन वहां पर पौध रोपण के पश्चात निदाई कार्य नहीं होने से कचड़ा बड़ी मात्रा में हो गया जिस कारण गर्मी (फायर सीजन) में वर्ष2021 में प्लांटेशन में आग लग गई और 95 प्रतिशत पौधे जल गए थे। प्रत्येक प्लांटेशन में 12500 बॉस के पौधे लगाये थे, जो कि आज दिनांक तक लगभग 300 बचे हुए है शैष जल गए् थे।
कब होगी जांच कार्यवाही ?
बताया जा रहा है की इस पूरे मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गयी।साथ ही प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण मूल्यांकन की गलत जानकारी दरिष्ठो को दी जाती रही। और दोनों प्लांटेसनों में सुरक्षा श्रमिक नहीं लगाये गए ना हीप्लांटेशन में कोई गेट लगाया गया आज दिनांक तक वहाँ की स्थिति यह है कि वहाँ ना फेसिंग तार, खम्बे, गेट है।ग्रामीणो ने प्रशासन से मांग की है की प्लाटेशन की जॉच कराकर दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही करें साथ ही इस संबध की जॉच वन विभाग के अधिकारियां से ना कराकर किसी अन्य विभाग के माध्यम से जॉच कराई जाये।
नहीं आते डिप्टी रेंजर
नाम न बताने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया की डबरा क्षेत्र के डिप्टी रेंजर राम लाल तिवारी के दर्शन ही दुर्लभ है यदि दर्शन हों भी तो अधिकारी सड़क से ही निकल जाते है ऐसे में जंगल का मंगल कैसा होगा अब आप ही अंदाजा लगा सकते है।
इनका कहना है ,आग जनी की घटना में 45 से 46 प्रतिशत पौधे बच गए है ।वहां पर और पौधे लगाने की योजना है
कुंडम डिप्टी रेंजर रामलाल तिवारी
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