
जबलपुर के सिहोरा में गहराया जलसंकट,बूंद -बूंद पानी को लेकर त्राहिमाम
जबलपुर : सिहोरा इस समय भारी जलसंकट से जूझ रहा है,बजह हिरन नदी का सूखना ,स्तिथि यह है की कुछ वार्डो में लोग बूंद -बूंद पानी को लेकर परेसान है।जानकारों की मानें तो हिरन नदी के सुखने से सिहोरा के कुछ वार्डो में जल संकट गहरा गया है,साथ ही नर्मदा जल आज शोभा की सुपारी बनकर रह गई है,स्तिथि यह है की 92 हैण्डपम्प,62 वोर वैल होने के बाद भी बूंद -बूंद पानी को लेकर लोग परेसान है।
यह है मामला
ग्रीष्म ऋतु में नगर के अनेक क्षेत्रों में जलसंकट गहरा गया है।अभी नोतपा की भीषण गर्मी को लगभग एक पखवाड़े का समय है इसके बावजूद लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रही है। नगर पालिका क्षेत्र के कुछ वार्ड़ों के हालात यह है कि लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए भारी मशक्कत करना पड़ रही है वहीं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि गंभीर जल समस्या पर केवल आश्वासन देकर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर रहे हैं।
हिरन के सुखने से बिगड़े हालात
विदित हो ग्रीष्म ऋतु के शुरुआती दिनों में ही हिरन नदी के सूख जाने के कारण जलसंकट गहराने लगा एंव हालात और बिगड़ने लगे है। शहर के कई क्षेत्रों में न तो समय पर और न ही पर्याप्त दबाव से जलप्रदाय हो रहा है। पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने से रहवासियों पानी के लिए भीषण गर्मी में भटकना पड़ रहा है। वैसे तो पेयजल पाइप लाइन विहीन क्षेत्रों में ट्यूबेल एवं हैंड पंप की व्यवस्था नगर की पालक संस्था द्वारा की गई है लेकिन जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति नागरिक एवं संस्था के जागरूक ना होने के कारण ट्यूबेल एवं हैंडपंप का जलस्तर पाताल तक पहुंच गया है।
जल आपूर्ति के पर्याप्त इंतजाम फिर भी कण्ठ प्यासे
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका क्षेत्र के 18 वार्डों में निवासरत लगभग 8000 नल कनेक्शन है जिन्हे हिरण नदी मैं स्थापित इनटेक बैल एवं नगर के विभिन्न वार्डों में स्थापित 62 ट्यूबवेल के माध्यम से सतत जल आपूर्ति की जाती है इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र एवं पाइपलाइन विहीन क्षेत्रों में 92 हैंडपंप भी स्थापित किए गए हैं इसके बावजूद नगर वासियों के कंठ पर नहीं हो पा रहे।
इन बार्डो में गंभीर समस्या
वहीं बताया जाता है कि नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 5,10, 15,16,17, 18 एवं पहाड़ी क्षेत्र में बसी बसाहट वाले क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा रहा है। पेयजल संकट से जूझ रहे लोग सुबह से देर रात तक पानी के लिए भटक रहे हैं।
विधायक प्रयासरत लेकिन नहीं दुर हो सका सका जल संकट
वहीं ग्रीष्म ऋतु में हिरन नदी के सूखने पर नर्मदा नहर के पानी से हिरन नदी को पुनर्जीवित कर इंटक वैल से आपूर्ति सतत होती रहती थी। किंतु इस वर्ष नहरो के रखरखाव के कारण नर्मदा नहर से हिरन नदी को पुनर्जीवित नहीं किया जा सका जिसके कारण हालत बिगड़ रहे हैं। जब स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक को जल संकट से अवगत कराया तो उनका कहना था की नर्मदा विकास प्राधिकरण से पत्राचार किया था अभी भी सम्पर्क में हुं। नर्मदा विकास प्राधिकरण से मिले आश्वासन के बाद ही मैंने आश्वासत किया था। नहर का कार्य पूर्ण न होने से हिरन नदी में नहर का पानी नहीं आ सका। अब नर्मदा जल वितरण पाइप लाइन को इंटेक वैल तक विस्तार कराया जा रहा है एवं एक पाइप लाइन वार्ड नंबर 11 स्थित नवीन टंकी से जोड़ कर का जल संकट दूर करने के प्रयास किए जा रहे है।
नर्मदा पाइप लाइन बनी शोभा की सुपारी
पाइपलाइन के माध्यम से हर घर तक नर्मदा जल पहुचाने की योजना शोभा की सुपारी बनकर रह गई है। विगत 7-8 वर्षों से नगर की सड़कों का सत्यानाश करने के बावजूद हर घर नर्मदा जल पहुंचने में योजना पुरी तरह नाकाम रही है। भेड़ाघाट से सिहोरा के बीच में जगह-जगह से पाइपलाइन में लीकेज हो रहा है जिसके कारण हजारों गैलन पानी सड़क पर व्यर्थ बह जाता है
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