खुली पड़ी मार्बल खदानें दे रही हादसों को न्यौता, निर्धारित मानकों से अधिक गहरी खोद दी गई खदानें

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद– तहसील क्षेत्र स्लीमनाबाद मैं बड़ी संख्या मार्बल कारोबार फैला हुआ है।जिस कारण स्लीमनाबाद को मार्बल सिटी के नाम से दूसरे राज्यो मैं जाने जाना लगा ।राजस्थान से आये मार्बल कारोबारियों ने तहसील क्षेत्र मे जगह जगह मार्बल का कारोबार करने उद्योग स्थापित किये।
कुछ सालों तक तो अच्छे स्तर पर मार्बल का कारोबार चला लेकिन धीरे धीरे धरती से मार्बल की घटती मात्रा से कारोबार घटता गया।जिस कारण वर्तमान स्थिति मे तहसील क्षेत्र मे बड़े पैमाने पर मार्बल कारोबार ठप्प हो गया।महज दो-चार कम्पनियों के द्वारा ही वर्तमान समय मैं मार्बल का कारोबार किया जा रहा है।

खुली खदानें दे रही हादसों को न्यौता-
वर्तमान समय मैं तहसील क्षेत्र मे जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है वह यह है कि मार्बल कारोबार ठप्प होने के बाद क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे खुली खदाने पड़ी हुई है,जो हादसों को न्यौता दे रही है।मार्बल उद्योगपतियो के द्वारा जिस नियम मानकों के तहत मार्बल कार्य की स्वीकृति खनिज व पर्यावरण विभाग से ली थी।उसके विपरीत अत्यधिक गहराई मैं मार्बल पत्थर भूमिगत निकालने खुदाई कर डाली जो हादसों को न्यौता दे रही है।पूर्व मैं इन खुली पड़ी खदानों मैं हादसे हो चुके है।
वन्य प्राणी,जंगली जानवर इन खदानों मैं गिरकर अपनी जान गवां चुके है।खासकर गर्मी के समय प्यास की आहट मैं जल स्त्रोतों की खोज मैं आकर वन्य प्राणी इन गहरी खदानों मैं घिरकर मौत के मुंह मे समा गए है।लगातर घटित हुई घटनाओं के बाद खुली पड़ी खदानों के संरक्षण को लेकर छपरा के ग्रामवासियों के द्वारा आंदोलन कर मांग की गई ।तब प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा आश्वासन दिया कि खुली पड़ी खदानों के समतलीकरण करने व उक्त स्थल पर तार पेसिंग कर घटित होने वाली घटनाओं पर रोक लगाई जाएगी।लेकिन आज तक न ही जिम्मेदार अधिकारी इन विषयों पर काम किये न ही खदानों के मालिक।यही हाल वर्तमान मे जो मार्बल खदानें चल रही है उनपर भी मानकों के विपरीत भूमि का दोहन कर बड़े स्तर पर गहरी खदानें खोदी जा रही है।
हाल ही मैं कई मार्बल खदानों पर कार्य के दौरान श्रमिकों के गिरने से श्रमिको की मौत भी हुई है।उसके वाबजूद भी जिला प्रशासन के अधिकारी ध्यान नही दे रहे है।वर्तमान मे 500 से 600 फीट गहरी खदानें है।इस संबंध मे ग्राम पंचायत छपरा सरपंच सुषमा गुप्ता का कहना था कि गत मार्च माह मैं जब कलेक्टर ग्राम पंचायत के दौरे पर आए थे तब ज्ञापन पत्र सौप खुली पड़ी खदानों मैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की गई थी।कलेक्टर के द्वारा आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक खुली पड़ी खदानों को लेकर कोई ठोस निर्णय नही लिया गया।

इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम

स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र के छपरा मैं बड़ी संख्या मे खुली पड़ी मार्बल खदाने जिनसे  हादसों का डर बना रहता है ।
इस संबंध मे जानकारी प्राप्त हुई है।
ऐसे खुली पड़ी खदानों का निरीक्षण कर जानकारी जुटाई जाएगी साथ ही खुली पड़ी खदानों मैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करवाने के लिए कार्य किया जाएगा ताकि घटनाएं घटित न हो।

 

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