
मावठे की बारिश से फसलों को मिली संजीवनी, किसानो ने शुरू किया यूरिया खाद का छिड़काव,
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – रबी सीजन की बुवाई के बाद पहली सिंचाई होने वाली ही थी और तीन दिन पहले मावठ की पहली बारिश हो गई। कई स्थानों पर मावठ का पानी खेतों से बाहर निकल गया और कई स्थानों पर खेतों में ही जमा हो गया। इस बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। इससे मेहनत और बिजली खपत कम हो गई है। अब यूरिया खाद की जरुरत पड़ रही है।किसानों ने बताया कि मावठ की बारिश नाइट्रोजन बनकर बरसी है। खराब फसल भी हरियालीदार होने लगी है। पौधों ने भी स्थान जमा लिया है। सिंचाई से ज्यादा मावठ की बारिश फसलों को फायदा पहुंचाएंगी। फसलों के सुधार के लिए ऊपर से यूरिया का छिडक़ाव करना शुरु कर दिया है। बुवाई के बाद पहली राहत मिली है। किसानों का कहना था कि पहली बार में फसलों को पोषण मिलेगा तो अंतिम समय तक मजबूत रहेगी। फसलों के रोग को खत्म करने के लिए वैज्ञानिकों से सलाह ली जाएगी।
मावठ की बारिश के बाद खेतों मे गेंहू की फसल पर यूरिया खाद का छिड़काव करना किसानों ने शुरू कर दिया है ।
वहीं खाद दुकानों मे भी खाद लेने किसानों की भीड़ उमड़ रही है।इस संबंध मे कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आर के चतुर्वेदी ने बताया कि बहोरीबंद विकासखंड मे डबल लाक केंद्र सहित व्यापारियों के पास खाद पर्याप्त मात्रा मे स्टॉक है। मावठ की बारिश के बाद किसान यूरिया खाद का उपयोग कर रहे है!
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