खाद वितरण में महिलाओं और 60 वर्ष से अधिक के किसानों के लिए अलग से बनाये जायें क्यूलेस काउंटर,कलेक्टर
जबलपुर, कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गुरुवार 7 नवंबर के दिन कलेक्ट्रेट सभागार में एपीसी बैठक की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान कृषि, उद्यानिकी, खाद्य, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों से विभागीय प्रगति के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि एपीसी की बैठक 11 नवम्बर को होगी।
ओटीपी की जगह बायोमैट्रिक सिस्टम से किया जाए खाद का वितरण
कलेक्टर श्री सक्सेना ने धान पंजीयन व उसके सत्यापन सहित रकबा की जानकारी ली। साथ ही उर्वरक की उपलब्धता, रबी बोनी, डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरकों का विकल्प व वितरण व्यवस्था के संबंध में विस्तृत चर्चा की। इस दौरान कहा गया कि खाद वितरण को व्यवस्थित करने के लिए ओटीपी की जगह बायोमैट्रिक सिस्टम से खाद का वितरण किया जाये।
महिलाओं और 60 साल के किसानों लिए अलग से बनाये क्यूलेस काउंटर
खाद वितरण में महिला एवं 60 वर्ष से अधिक के किसानों के लिए अलग से क्यूलेस काउंटर बनाये जायेंगे। वहीं सामान्य किसानों के लिए दो काउंटर अलग से होंगे। साथ ही खाद वितरण के लिए टोकन की व्यवस्था भी होगी।
एसडीएम व तहसीलदार खाद वितरण की करें निगरानी
एसडीएम व तहसीलदार खाद वितरण की निगरानी करें और व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में उन्होंने कहा कि धान उपार्जन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें, छाया, पानी व बारदाने की व्यवस्था हो और ऐसी व्यवस्था करें कि एक उपार्जन केन्द्र में एक ही किस्म के बारदाने भेजें, चाहे वे नए हो या पुराने। नया और पुराना बारदाने मिक्स करके न दिया जाये। उन्होंने कहा कि जिस उपार्जन केन्द्र में नए बारदाना दिये है यदि वहां पुराने बारदाने पाये जाते हैं तो खरीदी संदेह के घेरे में हो सकती है। इसी प्रकार जहां पुराने बारदाने दिये है वहां नए बारदाना पाये जाते हैं तो निश्चित ही जांच का विषय बनेगा। कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं उपार्जन केन्द्रों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान कहा गया कि नरवाई प्रबंधन के आवश्यक उपाय के साथ हैप्पी सीडर का उपयोग करें। कलेक्टर ने कहा कि रबी अंतर्गत कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन की अग्रिम तैयारी भी सुनिश्चित की जाये। इस दौरान कृषि अभियांत्रिकी से जुड़े विषय, गुण नियंत्रण एवं बीज प्रमाणिकरण, परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत जैविक कृषि आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ-साथ पशुपालन और डेयरी, उद्यानिकी, मत्स्य आदि विभागों की योजनाओं की समीक्षा भी की गई। कलेक्टर श्री सक्सेना ने नापतौल अधिकारी से कहा कि वे सील, काटें, धर्मकांटा की जांच करें और जहां गड़बड़ी पाई जाती है आवश्यक कार्यवाही करें।
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