जीवनदायनी माँ नर्मदा के पूजन से हुआ महोत्सव का शुभारंभ
जबलपुर,संगमरमरी चट्टानों के बीच माँ नर्मदा की अथाह जलराशि को समेटे भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का मंगलवार से शानदार शुभारंभ हुआ। सुर-ताल और रास-रंग से सजी नर्मदा महोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण प्रख्यात पार्श्व गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी का कर्णप्रिय गायन रहा।
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आयोजन का यह लगातार इक्कीसवाँ वर्ष
धुआंधार जलप्रपात की वजह से विश्व के पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान बना चुके भेड़ाघाट में शरद पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार इक्कीसवाँ वर्ष है। महोत्सव का शुभारंभ परम्परा के मुताबिक जीवनदायनी माँ नर्मदा के पूजन से हुआ।श्वेत धवल संगमरमरी चट्टानों के बीच माँ नर्मदा की अथाह जलराशि को समेटे भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का आज शानदार शुभारंभ हुआ।
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सुर-ताल और रास-रंग से सजी नर्मदा महोत्सव
सुर-ताल और रास-रंग से सजी नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण प्रख्यात पार्श्व गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी का सुमधुर गायन रहा। धुआंधार जलप्रपात की वजह से विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना चुके भेड़ाघाट में शरद पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार 21 वां वर्ष है। महोत्सव का शुभारंभ परम्परा के मुताबिक जीवन दायिनी माँ नर्मदा की पूजा अर्चना से हुआ।
ये रहे उपस्थित
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी थे। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, विधायक नीरज सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुभाष तिवारी रानू, भेड़ाघाट नगर परिषद के अध्यक्ष चतुर सिंह, भेड़ाघाट नगर परिषद के उपाध्यक्ष जगदीश दहिया एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विधायक संतोष वरकड़े एवं संभागायुक्त अभय वर्मा भी इस अवसर पर मौजूद थे।पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नर्मदा महोत्सव जैसे गरिमापूर्ण कार्यक्रमों की निरंतरता को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने लगातार 21 वर्षों से नर्मदा महोत्सव के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसके लिये इसके सूत्रधार लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह की सराहना की। पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री लोधी ने भेड़ाघाट में पर्यटन की असीम संभावनाएं बताते हुये कहा कि यह क्षेत्र मां नर्मदा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने नर्मदा महोत्सव जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति को आगे ले जाने और उभारने का कार्य करते हैं, जो संपूर्ण विश्व के कल्याण के साथ उदारता, समरसता धर्म के साथ व्यापक लोक हित आदि मूल्यों को समाहित किए हुए है और जहां संकीर्णता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि परमपिता परमेश्वर तक पहुंचने के रास्ते भले अलग अलग हो लेकिन ईश्वर एक ही है। इसके साथ ही मंत्री श्री लोधी ने भारतीय संस्कृति का चित्रण करने वाले अन्यान्य श्लोकों की अर्थपूर्ण व्याख्या भी की।लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने इस अवसर पर सभी को शुभ कामनाएं देते हुए कहा कि नर्मदा महोत्सव को और भी संस्कारित रूप से आगे बढ़ाना है। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय विधायक नीरज सिंह से कहा कि कार्यक्रम को भव्य और गरिमापूर्ण बनाने के सभी प्रयत्न करें। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि नर्मदा महोत्सव में भजन, क्लासिकल गीत ही हों फिल्मी गीत न हों ताकि मां नर्मदा की गरिमा बनी रहे।
क्षेत्रीय विधायक नीरज सिंह ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि नर्मदा महोत्सव का एक अद्भुत व अविस्मरणीय कार्यक्रम भेड़ाघाट में हो रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की गरिमा को बनाए रखने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। नर्मदा महोत्सव से निश्चित ही भारतीय संस्कृति समुन्नत होगी। उन्होंने इसके लिए पुरातत्व व संस्कृति विभाग की टीम के साथ जिला प्रशासन की टीम को भी धन्यवाद दिया।
नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत में सांस्कृतिक संस्कारधानी की प्रसिद्ध लोक कलाकार सुश्री नेहा विश्वकर्मा एवं उनके समूह ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत की, जिसे देखकर महोत्सव में आये दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली कड़ी में केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के कलाकारों ने मनमोहक लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद मुम्बई से आये भजन गायक श्री रवि त्रिपाठी की भजनों की संगीतमय प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोह लिया। श्री त्रिपाठी ने अपनी सुमधुर आवाज में भजनों की शुरूआत ‘‘मेरी मॉं के बराबर कोई नहीं’’ गाकर की। नर्मदा महोत्सव की पहले दिन के सांस्कृति कार्यक्रमों की अंतिम प्रस्तुति पार्श्व गायिका लखनऊ की श्रीमती मालिनी अवस्थी का गायन था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जहां मुंबई के प्रसिद्ध भजन गायक रवि त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत भजन नर्मदा की अविरल जलधारा की भांति दर्शकों के हृदय में शांति का संचार कर रहे थे। तो वहीं प्रख्यात गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी अपने मधुर गायन द्वारा श्वेत संगमरमरी चट्टानों से प्रतिबिम्बित हो रही चांदनी की शीतलता को श्रोताओं की हृदय पर उकेर रहीं थीं। शांति और शीतलता के इस संयोग ने श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया। महोत्सव में पधारे श्रोता प्रसन्नता से झूम उठे और भेड़ाघाट का विश्वप्रसिद्ध नर्मदा तट श्रोताओं की तालियों की थाप से गुंजायमान हो गया।
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