ड्रेगन फ़्रूट फल की खेती से लहलहा रही 10 एकड़ भूमि, महिला कृषक उद्यमी कमा रही लाखो रूपये
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : ड्रैगन फ्रूट थाइलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका में लोकप्रिय हैं। यह विदेशी फल ना ही सिर्फ किसानों की आमदनी को दोगुना करती है, बल्कि इसमें कई पोषक गुण भी हैं। आकर्षक दिखने के कारण इस फल की बाजार में काफी मांग हैं। भारत में इसकी खेती हाल ही में प्रचलित हुई है।ड्रेगन फ़्रूट की खेती वर्तमान मै स्लीमनाबाद तहसील की ग्राम पंचायत बिचुआ मै महिला कृषक उद्यमी रूपा सिंह के द्वारा की जा रही है!यहां उनके द्वारा 10 एकड़ भूमि पर ड्रेगन फ़्रूट की खेती की जा रही है!
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विधायक ने किया ड्रेगन फ्रूट फल खेती का अवलोकन –
विधायक प्रणय पांडेय ने मंगलवार को अपने साथी श्याम शुक्ला, अशोक खरे, राजा मोर, अमित दीक्षित व लकी अग्रहरी के साथ बिचुआ पहुंचकर ड्रेगन फ़्रूट फल खेती का निरीक्षण किया ड्रेगन फ्रूट का स्वाद चखा!साथ ही ड्रेगन फ़्रूट के विषय पर विस्तृत जानकारी ली!जानकारी उपरांत विधायक प्रणय पांडेय ने कहा कि अब वे स्वयं अपने खेतों मे ड्रेगन फ़्रूट की खेती करेंगे!साथ ही जो विधायक के साथ सिहोरा से लोग आये थे वो चूंकि बड़े कृषक है उन्होने भी ड्रेगन फ़्रूट खेती करने की बात कही!ड्रेगन फ़्रूट फार्म हॉउस के सुपरवाइजर सुरेश पाटीदार ने बताया कि ड्रेगन फ्रूट की खेती बिचुआ मै 10 एकड़ भूमि पर की जा रही है!एक एकड़ भूमि पर ड्रेगन फ़्रूट की खेती पर 6-7 लाख रूपये का खर्चा आता है!
साथ ही आमदनी दोगुनी हो जाती है!यह चार माह की खेती है!इस वर्ष अब तक ड्रेगन फ्रूट का व्यापार 1 करोड़ पहुंच गया है!ड्रेगन फ़्रूट का पौधा एक सीजन मै 3 से 4 बार फल देता है!
प्रत्येक फल का वजन लगभग 300 से 700 ग्राम होता है!एक पौधे पर 50 से 100 फल लगते है!
ड्रेगन फ्रूट के पौधे की आयु 20 वर्ष तक की रहती है!
ड्रेगन फ़्रूट उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं और प्राकृतिक उपचार को प्राथमिकता देते हैं!
ड्रैगन फ्रूट कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
शुगर डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
ड्रैगन फ्रूट फाइबर युक्त होता है, जो आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्व की कमियों को पूरा करता है।इसके सेवन से कार्डियोवैस्कुलर रोग होने का खतरा काम हो जाता है।हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोगों से बचाव करता है।ड्रैगन फ्रूट में एंटीअक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
पोटैशियम और विटामिन सी ड्रैगन फ्रूट में प्रचुर मात्रा में होते हैं।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का तरीका-
ड्रेगन फ्रूट की खेती कैसे की जा सकती है इस विषय जानकारी देते हुए बतलाया गया कि पिछले दो से तीन दशक में जलवायु में काफी बदलाव आया है। इससे वर्षा की अनियमितता और फसल खराब होने की संभावना भी बढ़ गई है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए, कई किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर रुख किया है। क्योंकि यह सूखे की स्थिति में या खराब मिट्टी में भी हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट में हीलिंग के अच्छे गुण होते हैं।ड्रैगन फ्रूट सफेद गुदे वाला लाल रंग का फल,सफेद गुदे वाला पीले रंग का फल व
लाल गुदे वाला लाल रंग का फल ये तीन प्रकार का होता है!
बिचुआ मै ड्रेगन फ़्रूट की जो खेती की गईं वह लाल गुदे वाला लाल रंग का फल है!ड्रैगन फ्रूट के पौधे जून से अगस्त तक गर्म और आर्द्र वातावरण में प्रत्यारोपण कर सकते हैं।
ड्रैगन फ्रूट की कटिंग-
ड्रैगन फ्रूट के पौध से नये कल्ले को चॉपस्टिक से काटा जाता है। पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए 15 सेमी से 30 सेमी के स्लाइस का उपयोग करना उचित है। कटिंग लेने के बाद सिरों पर फफूंदनाशक लगा दें और धूप में दो तीन दिन के लिए कटिंग को सूखने दें। यह उपचार विकास की बढ़ावा देने में मदद करता है। जब कटी टिप्स सफेद हो जाती हैं आपको पता चल जाएगा कि यह तैयार हो गया है। अब आप कटाई को मिट्टी में या नर्सरी के लिए काले पॉलीबैग में वर्मी कंपोस्ट और कोको पीट से तैयार की गई मिट्टी में लगा सकते हैं। नर्सरी में रोपण के 5 से 7 दिनों के बाद ठंडे स्थान पर रखा जाना चाहिए। 30 से 40 दिनों में जड़ें उभरने लगेंगी। इसे लगाने से पहले आपको इसके लिए कई 6 फीट लंबी आरसीसी पोल लगाने होंगे। क्योंकि यह एक कैक्टस बेल है और इनके फल काफी बड़े होते हैं, तो इन्हें खड़े होने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है। हर पौधे के बीच में कम से कम 6 फीट की दूरी होनी चाहिए। इस प्रकार एक हेक्टेयर खेत में 1700 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जा सकते हैं।
विदेशी फल है ड्रेगन फ़्रूट –
बिचुआ ड्रेगन फ़्रूट हॉउस की मालिकन महिला उद्यमी रूपा सिंह ने बताया कि ड्रेगन फ्रूट भारतीय फल नहीं है, लेकिन इसके लाजवाब स्वाद और लाभकारी फायदों के कारण भारत में भी इसकी मांग काफी बढ़ गयी है। यही वजह है कि हमारे यहां से पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में इसका निर्यात किया जा रहा है!ड्रैगन फ्रूट का उपयाेग ताजे फल के रूप में करने के साथ-साथ रस, जैम तथा आइसक्रीम के रूप में भी किया जाता है। यह फल खाने में तो स्वादिष्ट लगता ही है, इसके अलावा यह अनेक गंभीर रोगों को ठीक करने की क्षमता भी रखता है!ड्रैगन फ्रूट में अधिक मात्रा में विटामिन ‘सी’, फ्लेवोनोइड औ फाइबर पाए जाने के कारण यह घावों को जल्दी भरने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने एवं हृदय संबंधित समस्याओं से बचाने के साथ-साथ भोजन को पचाने में भी सहायक होता है। यह आंखों की दृष्टि में सुधार करने के साथ ही त्वचा को चिकना और मॉयस्चराइज करता है। इसके नियमित सेवन से खांसी और अस्थमा से लड़ने में मदद मिलती है। इसमें विटामिन बी1, बी2 और बी3 पाए जाते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन , कार्बोहाइड्रेट, भूख बढ़ाने, खराब कोलेस्ट्रॉल, पेट के कैंसर और मधुमेह के स्तर को कम करने के अलावा कोशिकाओं को ठीक कर शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री भी ड्रेगन फ्रूट का चख चुके है स्वाद –
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हाल ही मे जब बहोरीबंद दौरे पर आये थे तो उन्हें ड्रेगन फ्रूट का स्वाद चखाया गया था!
मुख्यमंत्री के साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा, प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह व विधायक संजय पाठक, प्रणय पांडेय ने भी ड्रेगन फ्रूट का स्वाद चखा था!
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