संकट में सिहोरा का बाह्य नाला,तोड़ दी गई एशिया के प्रथम रेगुलेटर की दीवार,कुम्भकर्णी नींद सो रहे जिम्मेदार
जबलपुर :सिहोरा के बाह्य नाला पर संकट के बादल छाये हुए हैं,बाह्य नाले के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करने के कारण गत सप्ताह लगातार हुई बरसात से नाले के आसपास लगीं कालोनियों में जलभराव की भयावह स्तिथि बन गई थी उसके बाद भी जिम्मेदार अभी भी कुम्भकर्णी नींद से नहीं जागे।
भू माफियो की गिद्ध नजर
वहीँ एशिया का प्रथम रेगुलेटर प्रशासन की शह पर भू माफियो की गिद्ध नजर के चलते अपना अस्तित्व खोने पर मजबूर हैं। रेगुलेटर के जल भराव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण के चलते नगर की अनेक कालोनियां जल प्लावन की समस्या से जूझ रही हैं। बाह्य नाला के पुल में पक्की कंक्रीट की बीम डालकर तथा दुसरी ओर मुरुम का ऊंचा ढेर लगाकर कब्जा कर मुरुम डाल दी गई और जिससे सिंचाई विभाग का जल भराव वाला क्षेत्र लगभग समाप्त होने के कारण अनेक कालोनी जलमग्न हो गई ।
कहां सो रहे जिम्मेदार ?
वहीं बताया जा रहा है की लगभग तीन वर्ष पूर्व सिहोरा में एक भव्य धार्मिक आयोजन की आड़ लेकर एक भूमि स्वामी ने प्रशासनिक संरक्षण के चलते बाह्य नाला की जमीन पर पक्का कंक्रीट डालकर कब्जा कर मुरुम डालकर पुराई कर दी जो आमजन के लिए दुख का कारण बन रहा है इसके बाद तो प्रशासन की शह पर नित रोज अतिक्रमण एक नया आयाम गठित करते गये । वर्षा के दौरान जब नगर की अनेक कॉलोनिया जलमग्न हुई तो प्रशासन ने सिंचाई विभाग की भूमि पर से अतिक्रमण न हटाकर ऐतिहासिक धरोहर को जमीदोज किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ।किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि रेगुलेटर के जल भराव क्षेत्र से पानी निकासी हेतु बीच में एक नहर भी बनी थी, जो जल संसाधन विभाग द्वारा बनबाई गई थी। इसके बनने के एवज में किसानों को मुआवजा भी मिला था जो सी पी आश्रम के आगे तक जाती थी उक्त नहर आज धरातल से गायब है।
*पानी निकासी के नाम पर तोड़ दी रेगुलेटर की दीवार*
पुस्तकों पर पढ़ा जाने वाला एशिया का प्रथम रेगुलेटर पानी निकासी की आड़ में उसकी दीवार तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया परंतु जल निकासी का कोई ठोस समाधान नहीं निकालकर एशिया के प्रथम रेगुलेटर को ही तोड़ दिया गया जो कुछ समय बाद धराशाई हो जाएगा जिससे भू माफिया का बाह्य नाला को समाप्त करने का पूरा प्लान सफल हो जाएगा।
*मुरुम डालकर हो गई पुराई*
बाह्य नाला का ओवरफ्लो का पानी पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और बने नालों के माध्यम से जुनवानी हार तरफ तलैया से होकर खेतों में चला जाता था। परंतु यहां कुछ दुकान संचालकों ने दोनों तरफ मुरम डालकर नाला ही समाप्त कर दिया और पानी निकासी की व्यवस्था की तरफ किसी नेता धनी डोरी का ध्यान नहीं है और रेगुलेटर पर ध्यान लगाकर उसकी दीवार तुड़वा दी गई।
हाईवे निर्माण के समय पानी निकासी पर नहीं था किसी का ध्यान*
जब नेशनल हाईवे क्रमांक 30 का निर्माण चल रहा था तो नगर के जल भराव में निकासी को लेकर किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया परंतु अब जल निकासी का बहाना लेकर एशिया के प्रथम रेगुलेटर की दीवार तोड़ कर उसे पूर्ण धराशायी करने के प्लान को सफल बनाया जा रहा है और बाह्य नाला पर डाली गई जगह-जगह मुरुम नहीं हटवाई जा रही है केवल नाला समाप्ति की प्लानिंग की जा रही है।वहीँ जागरूक नागरिकों ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना सहित नगर पालिका प्रशासन से मांग की है कि कुर्रे फाटक के पास से खितौला मोड रेगुलेटर के आगे तक संपूर्ण बाह्य नाला का सीमांकन कार्य करवाया जाए व नाले के ऊपर किए गए कब्जों से नाला को मुक्त करवाया जाए और नाला की सफाई कराई जाए जिससे सिहोरा क्षेत्र में हो रहा जल भराव से सभी को राहत मिल सके।
इनका कहना है,
नगर की वर्षा जल की निकासी गंभीर समस्या है इस हेतु नगर पालिका को वर्षा जल निकासी है तो प्लान तैयार करने कहा गया है जैसे ही प्लान तैयार होगा राजस्व अमला वाह्य नाला एवं सिंचाई विभाग की जमीन का सीमांकन कर पानी निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने अपना सहयोग देगा।
रूपेश सिंघई ,अनुविभागी अधिकारी सिहोरा
सिहोरा।