आयुर्वेद में तुलसी:सर्वरोगनाशिनी दिव्य औषधि के साथ तुलसी के महत्व को जानकर हैरान हो जायेंगे आप

You will be surprised to know the importance of Tulsi.🌿आयुर्वेद में तुलसी को केवल रोग-निवारक औषधि नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, दीर्घायु और सात्त्विक जीवन का आधार माना गया है। तुलसी का महत्व शरीर की चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मन, प्राण, पर्यावरण और चेतना —सभी पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसी कारण तुलसी को महौषधि और जीवनरक्षिणी कहा गया है।
*🌿 आयुर्वेदिक दृष्टि से तुलसी का महत्व
आयुर्वेद कहता है कि जो औषधि रोग को दबाने के बजाय दोषों को संतुलित करे, वही सच्ची औषधि है। तुलसी इस सिद्धांत का जीवंत उदाहरण है। यह वात और कफ दोष का शमन करती है तथा पित्त को संतुलित रखती है, जिससे शरीर की प्राकृतिक कार्यप्रणाली बनी रहती है।
*🌿 रोग-निवारण से अधिक रोग-प्रतिरोध में तुलसी का महत्व
आयुर्वेद में उपचार से अधिक महत्व रोग-निवारण (Preventive Health) को दिया गया है। तुलसी का नियमित सेवन:
🔅शरीर में ओज की वृद्धि करता है
🔅रोगों के प्रवेश को रोकता है
🔅बार-बार बीमार पड़ने की प्रवृत्ति को समाप्त करता है
इस कारण तुलसी को दैनिक जीवन में अपनाने योग्य औषधि माना गया है।
*🌿 श्वसन स्वास्थ्य में तुलसी का महत्व
प्राणवायु के शुद्ध होने पर ही शरीर स्वस्थ रहता है। तुलसी:
🔅श्वसन मार्ग को शुद्ध करती है
🔅कफ को बाहर निकालती है
🔅प्राण के प्रवाह को सुचारु बनाती है
आयुर्वेद में इसे प्राणवह स्रोत की रक्षक माना गया है।
*🌿 पाचन एवं अग्नि संरक्षण में तुलसी का महत्व
जठराग्नि को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का मूल कहा गया है। तुलसी:
🔅मंद अग्नि को तेज करती है
🔅आम दोष का नाश करती है
🔅पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता करती है
इसलिए तुलसी का महत्व दीर्घकालीन स्वास्थ्य में अत्यंत अधिक है।
*🌿 मानसिक संतुलन और सात्त्विकता में तुलसी का महत्व
मन की अशुद्धि ही अनेक शारीरिक रोगों को जन्म देती है। तुलसी:
🔅मन को स्थिर और शांत करती है
🔅रज और तम गुण को नियंत्रित करती है
🔅सात्त्विक भाव को बढ़ाती है
आयुर्वेदिक दृष्टि से यह मानसिक स्वास्थ्य की आधारशिला है।
*🌿 हृदय और रक्त शुद्धि में तुलसी का महत्व*
तुलसी रक्त को शुद्ध कर हृदय को बल देती है। इससे:
🔅हृदय रोगों का जोखिम घटता है
🔅रक्त संचार सुधरता है
🔅जीवन शक्ति में वृद्धि होती है
इस कारण तुलसी को हृद्य औषधि कहा गया है।
*🌿 त्वचा और सौंदर्य में तुलसी का महत्व*
आयुर्वेद में सुंदर त्वचा का संबंध शुद्ध रक्त और संतुलित दोषों से है। तुलसी:
🔅त्वचा रोगों को शांत करती है
🔅रक्तदोष को दूर करती है
🔅प्राकृतिक तेज प्रदान करती है
*🌿 प्रमेह (मधुमेह) में तुलसी का महत्व*
आयुर्वेदिक दृष्टि से तुलसी:
🔅मेद और कफ दोष को नियंत्रित करती है
🔅प्रमेह की प्रवृत्ति को कम करने में सहायक है
*🌿 पर्यावरण, प्राणवायु और तुलसी का महत्व*
आयुर्वेद में बाह्य वातावरण को आंतरिक स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। तुलसी:
🔅वायु को शुद्ध करती है
🔅नकारात्मक प्रभावों को कम करती है
🔅घर के वातावरण को सात्त्विक बनाती है
*🌿 आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व*
तुलसी को हरि-वल्लभा कहा गया है। तुलसी पूजन:
🔅मानसिक पवित्रता बढ़ाता है
🔅अनुशासित दिनचर्या को प्रेरित करता है
🔅परिवार में सौहार्द और शांति लाता है
आयुर्वेद और सनातन परंपरा दोनों तुलसी को जीवन-संरक्षक मानते हैं।
*✨ उपसंहार:* तुलसी का सर्वांगीण महत्व
आयुर्वेद के अनुसार तुलसी का महत्व केवल औषधि रूप में नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली के स्तंभ के रूप में है। यह शरीर को दोषमुक्त, मन को शांत, प्राण को शुद्ध और जीवन को संतुलित बनाती है। तुलसी को जीवन में अपनाना — आयुर्वेद को अपनाना है।
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