सिहोरा की विपड़न समिती का कारनामा,नाम बदलकर कर रहा था लिपिक का काम,खुलासा होने पर दिखावटी कार्यवाही

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जबलपुर ;एम पी अजब है सबसे गजब है यहां पर कुछ भी हो सकता है,आठवी पास व्यक्ति अधिकारियों की नाक के नीचे  लिपिक बनकर काम करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी,वहीं जब कई साल बाद इस बात का खुलासा हुआ तो कार्यवाही के नाम पर उसे लिपिक से चपरासी बना दिया गया। मामला जबलपुर जिले की  सहकारी विपणन समिति सिहोरा का है ,जहां पर देवेंद्र कुमार साहू जो की इसी संस्था में कई वर्षों तक जय कुमार साहू के नाम से बिक्री लिपिक के पद पर कार्य कर रहा  था।

कार्यवाही के नाम पर बना दिया चपरासी 

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वहीं बताया जा रहा है की जब अधिकारियों द्वारा देवेंद्र साहू की व्यक्तिगत फाइल देखी गई तो मात्र आवेदन पत्र फाइल में मिला तो उस कर्मचारी के योग्यता संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो वह मात्र आठवीं की अंक सूची की फोटो कॉपी ही उपलब्ध करा पाया जबकि बिक्री लिपिक के लिए कम से कम 11वीं पास होना चाहिए था,

दिखावे का डिमोशन 

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वहीं फर्जी रूप से लिपिक का काम करने वाले के खिलाफ अधिकारियों ने कोई कानूनी कार्यवाही नहीँ की और कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लिपिक को चपरासी बना दिया गया,जो कि अभी भी नियुक्ति पत्र न होने के बाद भी संस्था में काम कर रहा है जिसका नाम वेतन पत्रक में नाम शामिल कर वेतन बकायदा बैंक के माध्यम से किया जा रहा है,

प्रभारी प्रबंधक और प्रशासक पर सरंक्षण का आरोप 

आरोप है की देवेंद्र साहू के ऊपर प्रबंधक और प्रशासक की कृपा दृष्टि है जब तो संस्था में कार्य करने के लिए किसी भी प्रकार का नियुक्ति पत्र न ही संस्था के बैठक रजिस्टर में प्रस्ताव ठहराव किया गया,सबसे बड़ी बात तो यह है की  इसके पास उपायुक्त सहकारी संस्थायें जबलपुर द्धारा भी किसी तरह का अनुमोदन प्राप्त नहीँ है।उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीँ की जा रही है,हलाकि इस बात की जानकारी संस्था के प्रभारी प्रबंधक सहित प्रशासक योगेश दुबे को भी है लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासक और प्रबंधक द्वारा खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कि जा रही है।वहीं इस सबंध में जब आज हमारे द्वारा प्रशासक योगेश दुबे से फोन नंबर 98264 17486 पर सम्पर्क किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया ।

इनका कहना है,ये मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है, दिखवाता हूँ ।

सँयुक्त आयुक्त सहकारी संस्थायें जबलपुर,पी के सिद्धार्थ

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