धड़ल्ले से की जा रही तमाम नियम कायदे दरकिनार कर अवैध प्लाटिंग,कृषि भूमि पर बसा रहे कॉलोनी

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – इन दिनों स्लीमनाबाद तहसील मुख्यालय सहित संपूर्ण तहसील क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा तमाम नियम और कायदे-कानूनों को दरकिनार कर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही है, जिसका प्रमुख कारण है जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही!ताज़ा मामला स्लीमनाबाद तहसील की ग्राम पंचायत धरवारा का सामने आया है!जहाँ भू -माफियों द्वारा नियम कायदो को दरकिनारकर अवैध प्लाटिंग की जा रही है!कृषि भूमि पर कॉलोनी बनाई जा रही है!जबकि उक्त भूमि को बिना डायवर्सन कराये व बिना आवसीय भूमि मे तब्दील कराये अवैध प्लाटिंग कर अनेकों लोगों को प्रति वर्ग फुट की दर से विक्रय की जा रही है!जबकि कॉलोनी विकास के संबंध मे कलेक्टर के द्वारा दी जाने वाली कॉलोनी विकास अनुमति भी नहीं ली गईं है!

ग्राम पंचायत ने कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र –
तहसील स्लीमनाबाद क्षेत्र मै धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है ओर राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है, जिस कारण जिम्मेदार अधिकारियो पर सवालिया निशान उठना शुरू हो गए है!
क्योंकि कार्रवाई न होने के पीछे ऐसे भू -माफियों को अधिकारियो का संरक्षण देना सामने आ रहा है!
धरवारा अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग के अधिकारियो के द्वारा कार्रवाई न होने से ग्राम पंचायत सरपंच ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है!पत्र माध्यम से मांग की गईं कि ग्राम पंचायत धरवारा खसरा नंबर 540 मै कटनी निवासी चक्रधर पिता श्रीधर बड़गैया,विजय प्रताप पिता कल्याण दास गुरवानी व रामलाल पिता राधा सिंह कुशवाहा द्वारा 3-4 एकड़ भूमि पर बिना अनुज्ञा व सक्षम अधिकारी की अनुमति से अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है!जबकि उक्त भूमि कृषि मद मै दर्ज है!
कृषि भूमि को बिना आवसीय डायवर्सन कराये व बिना आवसीय भूमि मै तब्दील करवाये अवैध प्लाटिंग की जा रही है!उक्त विक्रय की गईं भूमि पर कुछ खरीददारों के नामांतरण हो चुके है ओर कुछ के होना बाकी है!
दरअसल किसी भी भूमि का विक्रय होने के बाद रजिस्ट्री, डायवर्सन और नामांतरण की प्रक्रिया होती है लेकिन इस दौरान अधिकारियों द्वारा प्रकरण की जांच नहीं की जाती, जिस कारण से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वे धड़ल्ले से कृषि भूमियों पर प्लाटिंग करने में लगे हैं।

रेरा क़ानून का नहीं किया जा रहा पालन

गौरतलब है कि सरकार द्वारा बनाया गया रियल एस्टेट अधिनियम, 2016 यानी रेरा एक्ट का मकसद रियल एस्टेट से जुड़े लेन-देन में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही बढ़ाना और घर तथा भूमि खरीदारों की सुरक्षा करना है। उन्होंने बताया कि प्लॉटिंग और जमीनों का विक्रय करने वाले हर व्यक्ति को रेरा एक्ट के तहत अनुमति लेना और क्रेता को प्लॉट के साथ बिजली, पानी, सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाएं देना अनिवार्य है!
लेकिन ज्यादातर कारोबारी किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। जमीन कारोबारी मुख्य मार्गों से 10-10 किलोमीटर दूर खेतों के बीच प्लॉट काटकर बेच रहे हैं! जहां बिजली, पानी, सडक़ आदि की सुविधा नहीं है! प्लॉट विक्रय के बाद जब रजिस्ट्री की जाती है तब रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी होती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्रेता को बिना मूलभूत सुविधा वाली कृषि भूमि का विक्रय तो नहीं किया जा रहा लेकिन अधिकारी किसी भी प्रकरण में इसकी जांच नहीं करते!इसके बाद डायवर्सन के समय एसडीएम और नामांतरण के समय तहसीलदार को भी इसकी जांच करनी चाहिए लेकिन वहां भी अधिकारी जांच नहीं करते जिसके चलते पूरे तहसील क्षेत्र में धड़ल्ले से कृषि भूमियों पर प्लॉटिंग करते हुए बिना मूलभूत सुविधाओं वाली जमीनों पर प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं।

नायब तहसीलदार ने कहा पटवारी ने की जाँच –
ग्राम पंचायत धरवारा सरपंच व उपसरपंच
ने जब हल्का पटवारी को इस संबंध मे जानकारी दी तो हल्का पटवारी ने मौके पर पहुंचकर अवैध प्लाटिंग का पंचनामा बनाया!
नायब तहसीलदार राजकुमार नामदेव का कहना था कि हल्का पटवारी ने धरवारा मै अवैध प्लाटिंग का जाँच प्रतिवेदन दिया है!
कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन एसडीएम को भेजा जायेगा!

इनका कहना है – राकेश चौरसिया एसडीएम

स्लीमनाबाद तहसील के धरवारा मै अवैध प्लाटिंग का मामले संज्ञान मै आया है!
तहसीलदार के माध्यम से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद संबंधित प्लॉट विक्रेताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही विक्रेताओं के दस्तावेज और टैक्स जमा करने के संबंध में भी जांच की जाएगी यदि प्लाटिंग संबंधी नियम दरकिनार किये गए है तो कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी!


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