ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाये गए उड़नदस्ता दल
जबलपुर, सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय के अनुपालन में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर जारी किये गये दिशा-निर्देशों तथा धर्म स्थलों में निर्धारित डेसीबल का उल्लंघन करते हुये लाउडस्पीकर के उपयोग पर नियंत्रण के संबंध में प्राप्त शिकायतों की त्वरित जांच एवं आवश्यक कार्यवाही करने जिले के लिए कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस थानावार उड़न दस्ता दल गठित किये है। प्रत्येक उडनदस्ता दल में संबंधित थाना क्षेत्र के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी तथा संबंधित नगरीय निकाय के सीएमओ एवं जनपद पंचायत के सीईओ को शामिल किया गया है।जिला दण्डाधिकारी द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में उड़नदस्ता दलों में शामिल अधिकारियों को नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण कर नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये है जहां ध्वनि विस्तार यंत्रों का इस्तेमाल होता हो। आदेश में निर्देश प्राप्त होने पर तत्काल जांच कर उड़नदस्तों को तीन दिन के भीतर एसडीएम को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है। इसके साथ ही उड़नदस्ता दलों को ऐसे धर्म स्थलों की थानावार सूची भी बनाने के निर्देश दिये गये है, जहां नियमों अथवा आदेशों का अनुपालन नहीं पाया गया है। आदेश के मुताबिक सभी एसडीएम उड़नदस्तों से प्राप्त सूची अनुसार अवैध लाउडस्पीकर हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में सभी उड़नदस्ता दलों का नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी को नामित किया है।
ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों जैसे औद्योगिक, वाणिज्यिक, रिहायशी एवं शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय निर्धारित अधिकतम ध्वनि तीव्रता का उल्लेख भी किया गया है। इसके मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय अधिकतम 75 एवं रात के समय 70 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में 65 और 55 डेसीबल, रिहायशी क्षेत्र में 55 और 45 डेसीबल तथा शांत क्षेत्र में 50 और 40 डेसीबल अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है।